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Ghaziabad News: बांस के सहारे टिका है अस्पताल भवन, स्वास्थ्य विभाग दे रहा है दुर्घटना को दावत

Ghaziabad News: बिल्डिंग कई सालों पहले से जर्जर घोषित कर दी गई थी, लेकिन कब इस जर्जर बिल्डिंग के हिस्से को ठीक करवाया जाएगा इस पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया।

Bobby Goswami
Written By Bobby GoswamiPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 28 July 2021 11:14 AM IST
The hospital lens rests on bamboo
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बांस पर टिका है अस्पताल का लेंटर pic(social media)

Ghaziabad News: गाजियाबाद के जिला सरकारी अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग अब बांस के साहारे टिकी हुई है। ऐसे में खुले आम स्वयस्थ्य विभाग किसी अप्रिय दुर्घटना को दावत दे रहा हे। अस्पताल में किसी भी वक्त लेंटर गिर सकता है। जर्जर हिस्से के ठीक सामने इमरजेंसी वार्ड भी है। जहां पर रोजाना सैकड़ों मरीजों की आवाजाही रहती है।

गाजियाबाद के जिला सरकारी अस्पताल के परिसर से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्या जिला अस्पताल में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है?दरअसल जिला अस्पताल की बिल्डिंग का एक हिस्सा जर्जर हो चुका है। जिसके लेंटर का एक बड़ा हिस्सा पहले ही गिर चुका है। लेकिन इस पर कोई ठोस एक्शन लेने की बजाय फटे हुए बांस के माध्यम से जर्जर हिस्से को गिरने से रोका गया है। इस जर्जर हिस्से के ठीक सामने इमरजेंसी वार्ड भी है। जहां पर रोजाना सैकड़ों मरीजों की आवाजाही रहती है। जिनकी जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है।

तस्वीरों में साफ दिख रही है सच्चाई

इमरजेंसी वार्ड के सामने वाले सरकारी अस्पताल के जर्जर हिस्से की तस्वीरें जब कैमरे में कैद की गई तो खौफनाक हकीकत नजर आई। तस्वीरों में दिख रहा है कि लेंटर किसी भी वक्त गिर सकता है। उसका प्लास्टर लगातार गिर रहा है। लेकिन उसे रोकने के लिए मात्र उसे बांस के सहारे पर टिकाया गया है। इसके अलावा इस हिस्से में जाने से लोगों को रोकने के लिए भी चारों तरफ से बांस लगाए गए हैं लेकिन कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। जो मरीज या उनके तीमारदार यहां आते हैं, वह काफी डरे हुए रहते हैं। यही नहीं स्वास्थ्य कर्मी भी काफी ज़्यादा डरे हुए हैं।

बताया जा रहा है कि यह बिल्डिंग कई सालों पहले से जर्जर घोषित कर दी गई थी। लेकिन किस विभाग द्वारा इस जर्जर बिल्डिंग के हिस्से को ठीक करवाया जाएगा इस पर फैसला नहीं हो पाया। इससे जुड़ी फाइल भी लगातार स्वास्थ्य विभाग में इधर से उधर घूमती जनर आ रही हैं। बारिश के मौसम में यह हालात और खराब हो जाते हैं। क्योंकि बिल्डिंग के इस हिस्से में सीलन आ जाती है, और यह सीलन बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। यहीं दिनभर एंबुलेंस भी गुजरती हैं। जिससे खतरा और भी बढ़ जाता है।

जर्जर बिल्डिंग से लोगों में दहशत का माहौल pic(social media)

क्या कहते हैं चीफ मेडिकल सुपरीटेडेंट

इस मामले में हमने चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट अनुराग भार्गव से बात कीतो उनका कहना है कि इस जर्जर हिस्से को गिराने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। मामला सिर्फ यहां से गुजर रही तारों को लेकर अटका हुआ है। जल्द इस पर भी सॉल्यूशन निकाला जाएगा।

हादसा हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार

बता दें कि सवाल अब यह उठ रहा है कि अगर यहां कोई हादसा हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। जब सरकारी अस्पताल ही बीमार हो जाए तो इलाज कौन करेगा? यह तस्वीर जाहिर तौर पर सरकारी अस्पताल के बीमार होने की बात को उजागर करती है। लेकिन व्यवस्था पर सवाल भी उठाती है। क्या सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था इसी तरह से बांस के सहारे टिकी हुई है? यह सवाल सबसे बड़ा है। देखना यह होगा कि इस पर कब कोई ठोस कदम उठाया जाता है।



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Pallavi Srivastava

Pallavi Srivastava

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