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Ghaziabad News: MLA और पार्षद के नाम का इस्तेमाल करके बनाया जा रहा था फर्जी आधार कार्ड, 3 आरोपी गिरफ्तार

Ghaziabad News: गाजियाबाद में लोनी बॉर्डर पुलिस ने फर्जी एड्रेस पर असली आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा है। वहीं, देश की आंतरिक सुरक्षा से भी खिलवाड़ का शक है।

Bobby Goswami
Report Bobby GoswamiPublished By Deepak Kumar
Published on: 29 Dec 2021 10:59 AM GMT
Ghaziabad News In Hindi
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पुलिस के साथ पकड़े गए आरोपी। 

Ghaziabad News: पुलिस ने फर्जी एड्रेस पर असली आधार कार्ड (Aadhar Card) बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा है। वहीं, देश की आंतरिक सुरक्षा से भी खिलवाड़ का शक है।

एक तरफ जहां हाल ही में लुधियाना के कोर्ट (Ludhiana courts) में बम ब्लास्ट हुआ तो वहीं इस तरह से आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला एनसीआर के सामने आया है। इसके बाद से पुलिस के लिए भी मामले की सभी कड़ियां जुड़ना बड़ी चुनौती बन गया है।

मामले को लेकर मिली जानकारी

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद (Ghaziabad) में लोनी बॉर्डर पुलिस (Loni Border Police) ने आसिफ, खालिद और जावेद नाम के तीन आरोपियों को पकड़ा है। इनके पास से भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह सभी दस्तावेज फर्जी एड्रेस पर आधार कार्ड (Aadhar Card) बनाने की दस्तावेज है। पुलिस के मुताबिक इन तीनों में से जावेद का एक रिश्तेदार दिल्ली का रहने वाला है, जो आधार कार्ड सेंटर चलाता है। आधार कार्ड पोर्टल (Aadhaar Card Portal) पर लॉग-इन करने के लिए जो डिटेल देनी होती है, उसमें थंब इंप्रेशन और आंखों की रेटिना को स्कैन किया जाता है।

आरोपियों ने उस पोर्टल की लॉग इन डिटेल को किसी तरह से पता करके आधार कार्ड सेंटर के मालिक की आंखों की एचडी फोटो खींच ली थी। इसके अलावा आधार कार्ड सेंटर के मालिक के अंगूठे का इंप्रेशन लेकर उसकी मोहर बनवा ली थी।जिससे यह आधार कार्ड बनाने वाले पोर्टल पर एक्सेस करने में कामयाब हो गए थे। इस तरह तीनों ने लोनी में लोगों से कुछ रुपये लेकर फर्जी एड्रेस पर आधार कार्ड बनाना शुरू कर दिया था। जिन लोगों के पास अपने एड्रेस नहीं होते थे उनके एड्रेस को यह बेहद चौंकाने वाले अंदाज में वेरीफाई करते थे, जिससे पुलिस की नींद उड़ गई है।

पुलिस का खुद कहना है कि कुछ गलत लोगों के आधार कार्ड भी बनाए गए हो सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो अगर किसी के पास भारत की नागरिकता नहीं है, तो नागरिकता का सबूत आधार कार्ड बनवाकर वह आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ कर सकता है। पुलिस को शक है कि कहीं ऐसे ही किसी गलत व्यक्ति का आधार कार्ड तो इन आरोपियों ने नहीं बना दिया है।

दिल्ली के विधायक और पार्षद के नाम का इस्तेमाल

आरोपियों से दिल्ली के विधायक और पार्षद के नाम की मोहरे बरामद हुई हैं। फर्जी एड्रेस को वेरीफाई करने के लिए उन्हीं मोहरों का इस्तेमाल किया जाता था। पकड़े गए तीनों आरोपियों से आगे की पूछताछ जारी है। यह पूरा मामला आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से देखें तो काफी गंभीर है। जिसकी जानकारी अन्य एजेंसियों को भी दी गई है। निश्चित है इस गैंग के पकड़े जाने के बाद एक तरफ जहां पुलिस ने राहत की सांस ली है तो वहीं, पुराने मामलों की कड़ियां जोड़ना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। पुलिस को यह पता करना होगा कि अब तक किन-किन लोगों के असली आधार कार्ड इन फर्जी दस्तावेजों पर बनाए गए हैं।

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Deepak Kumar

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