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MSP या कृषि कानून नहीं, जानिए GDA अफसरों को किसानों ने क्यों किया दफ्तर में बंद

Ghaziabad News: किसान (Farmer) सैकड़ों की संख्या में नवयुग मार्केट स्थित गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर शाम के समय पहुंच गए और दफ्तर का ताला तोड़ दिया।

Bobby Goswami
Report Bobby GoswamiPublished By Ragini Sinha
Published on: 6 Dec 2021 2:44 PM GMT
MSP या कृषि कानून नहीं, जानिए GDA अफसरों को किसानों ने क्यों किया दफ्तर में बंद
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MSP या कृषि कानून नहीं, जानिए GDA अफसरों को किसानों ने क्यों किया दफ्तर में बंद

Ghaziabad News : देशभर में किसानों (Farmer);का गुस्सा अलग-अलग मुद्दों पर बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद (Ghaziabad) में इसी तरह का गुस्सा तब देखने को मिला, जब किसानों ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) के हेड ऑफिस के मुख्य दरवाजों पर ताला जड़ दिया। इस दौरान कुछ अधिकारी दफ्तर में ही मौजूद थे, जो अंदर बंद हो गए। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने किसानों (farmer) को समझाया। लेकिन किसान नहीं माने। आइए जानते हैं, उनकी मांग क्या थी। जिसके चलते किसान इतने ज्यादा गुस्से में आ गए थे।


एक समान मुआवजे की मांग

किसान (Farmer) सैकड़ों की संख्या में नवयुग मार्केट स्थित गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर शाम के समय पहुंच गए। उनके साथ में कुछ ट्रैक्टर भी थे। इनमें महिलाएं भी मौजूद थी। जिनका गुस्सा सातवें आसमान पर था। मामला मधुबन बापूधाम आवासीय योजना (Bapudham Housing Scheme) से जुड़ा हुआ है। कुछ वर्षों पहले किसानों की जमीन आवासीय योजना (Kisano ki jamin yojna) के लिए अधिग्रहित की गई थी। किसानों का आरोप (kisano ka arop) है कि उन्हें एक सामान मुआवजा नहीं दिया गया था। किसानों को अलग-अलग मुआवजा दिया गया था। जबकि जमीन बराबर ली गई थी। इसी बात को लेकर वह प्रशासन और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का दरवाजा कई बार खटखटा चुके हैं। लेकिन आरोप है कि उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं। किसानों के सब्र का बांध टूट गया तो वे सोमवार की शाम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर पर पहुंच गए। जहां पर दफ्तर के दोनों दरवाजों पर ताला लगा दिया गया। किसानों ने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर में उस समय कुछ अधिकारी मौजूद थे, जो अंदर बंद हो गए हैं।


स्थानीय भारी पुलिस बल मौके पर

स्थानीय भारी पुलिस बल (Ghaziabad police) मौके पर पहुंचा, जिन्होंने किसानों को समझाने की खूब कोशिश की। लेकिन किसान नहीं माने। वही प्रशासनिक अधिकारियों ने भी किसानों का काफी मान मनौवल किया। लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है। और वह जीडीए के दफ्तर के बाहर ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा किसान जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि तब तक जीडीए के दफ्तर पर धरना चलता रहेगा जब तक एक समान मुआवजे की बात कंफर्म नहीं होगी। किसानों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर हंगामा प्रदर्शन किया गया है। मगर मांग पूरी नहीं हुई है। वहीं अधिकारियों ने कहा है कि मामला कोर्ट में है, और इससे संबंधित बातें लगातार उच्च अधिकारियों को अवगत कराई गई हैं। जिसके समाधान के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। मगर इस बात पर भी किसान धरना खत्म करने को तैयार नहीं हुए हैं। जिससे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है। देखना यह होगा कि प्रशासन और स्थानीय पुलिस किसानों को कब तक समझा पाती है। किसानों के इस प्रदर्शन से यह भी साफ है, कि देशभर में अलग-अलग मुद्दों पर किसान अपनी बातों को मनवाने के लिए बड़े प्रदर्शन करने के लिए लगातार सामने आ रहे हैं।

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Ragini Sinha

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