Greater Noida News: कोरिया की पांच नामी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में लगा रही अपनी फैक्ट्री , हजारों को मिलेगा रोजगार

Greater Noida News: प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली औद्योगिक नीतियां चीन तथा कोरियाई निवेशकों को भा रही हैं।

Rajendra Kumar
Written By Rajendra KumarPublished By Shweta
Published on: 24 Aug 2021 1:50 PM GMT (Updated on: 24 Aug 2021 2:42 PM GMT)
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कॉन्सेप्ट फोटो ( फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Greater Noida News: प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली औद्योगिक नीतियां चीन तथा कोरियाई निवेशकों को भा रही हैं। यहीं वजह है कि बीते साढ़े चार वर्षों में चीन तथा कोरयाई कंपनियों ने औद्योगिक निवेश के लिए ग्रेटर नोएडा को तबज्जो दी है। जिसके चलते चीन की ओप्पो, विवो और फॉरमी जैसी बड़ी कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए ग्रेटर नोएडा को चुना। तो अब इसी तरह से पांच कोरियाई कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली है। ये पांचों कोरियाई कंपनियां इलेक्टॉनिक्स के क्षेत्र से जुड़ी हैं। इन कंपनियों से करीब 1154 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 8706 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

ग्रेटर नोएडा में पांच बड़ी कंपनियों के निवेश

कोरिया अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए अबतक 3.51 लाख वर्ग मीटर जमीन खरीदी है, वह मोबाइल के पार्ट्स बनाने वाली बड़ी प्रतिष्ठित कंपनियां हैं। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार सैमक्वांग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, केएच वैटेक इंडिया, सेनेटेक इंडिया, ड्रीमटेक और स्टेरिऑन ने ग्रेटर नोएडा में फैक्ट्री स्थापित करने के जमीन खरीदी है। प्राधिकरण से ली गई जमीन पर सैमक्ववांग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स 440 करोड़ का निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगा रही है, जिसमें 4000 लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि केएच वैटेक इंडिया 247 करोड़ और सेनेटेक इंडिया 34 करोड़ का निवेश कर फैक्ट्री लग रही है।

केएच वैटेक इंडिया की फैक्ट्री में 786 तथा सेनेटेक इंडिया की फैक्ट्री में 350 लोगों को रोजगार मिलेगा। जबकि ड्रीम टेक और स्टेरिऑन ने बीते दिनों फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन खरीदी है। ये दोनों कंपनियां सेक्टर ईकोटेक 10 में अपना प्लांट लगाएंगी। करीब 433 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी और 3570 युवाओं को रोजगार देंगी। इन कोरियाई कंपनियों के अलावा कुछ और कोरियाई कंपनियां भी ग्रेटर नोएडा में जमीन लेने की इच्छुक हैं। जल्दी ही सरकार सूबे में निवेश को इच्छुक कई अन्य कोरियाई कंपनियों के नामों का खुलासा करेगी।ग्रेटर नोएडा में निवेश कर रही चीनी तथा कोरयाई कंपनियों के चलते ग्रेटर नोएडा न सिर्फ डाटा सेंटर का हब बन रहा है, बल्कि कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के भी गढ़ के रूप में उभर रहा है। इसकी मुख्य वजह चीन की प्रमुख कंपनी विवो का 7429 करोड़ रुपए तथा ओप्पो का 2000 करोड़ रुपए का ग्रेटर नोएडा में निवेश करना है।

लैपटाप, मोबाइल फोन तथा इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की इन विख्यात चीनी कंपनियों के नोएडा आने पर कोरयाई कंपनियों ने भी नोएडा का रुख किया। तो प्रदेश सरकार ने भी इन कोरियाई कंपनियों को हाथों -हाथ लिया। इन कंपनियों को राज्य में निवेश करने के लिए हर स्तर पर मदद मिली तो उन्होंने अन्य राज्यों में निवेश करने के स्थान पर ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ले ली। इन कोरियाई कंपनियों तथा चीन की कंपनियों के ग्रेटर नोएडा में हो रहे निवेश से राज्य में जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं इन कंपनियों की फैक्ट्री में होने वाले उत्पाद से सरकार को जीएसटी के रूप में भारी राजस्व प्राप्त होगा। इसके साथ ही इन चीनी तथा कोरियाई कंपनियों के चलते ग्रेटर नोएडा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के गढ़ के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराई गई औद्योगिक नीतियों और निवेशकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए शुरू की गई वन विंडो सिस्टम के चलते ही यह संभव हुआ है। जिसके चलते अमेरिका, जर्मनी, चीन और कोरयाई कंपनियां राज्य में निवेश कर रही हैं।

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