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गुर्जर नेताओं ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को गंगाजल से नहलाया, कहा- भाजपा नेताओं ने किया था अशुद्ध
Mihir Bhoj Statue : मिहिर भोज की प्रतिमा के आगे गुर्जर प्रतिहार शब्द लिखा हुआ मिला। जिसके बाद गुर्जर समाज के लोग मिहिर पुष्प चढ़ाने पहुंचे।
Mihir Bhoj Statue : दादरी में सम्राट मिहिर भोज (Mihir Bhoj) प्रकरण ने मंगलवार को एक नया रूप ले लिया है। मंगलवार की सुबह सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा (Statue of Mihir Bhoj) के नाम के आगे गुर्जर प्रतिहार शब्द लिखा हुआ मिला है। जिसके बाद गुर्जर समाज के लोग मिहिर भोज की प्रमिता पर पुष्प चढ़ाने पहुंचे। इस दौरान गुर्जर समाज के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं पर आरोप लगाए कि गुर्जरों की पंचायत होने के बाद रात के समय मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द लिखा गया है।
रात 3:00 बजे पुनः मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर लिखा
अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के जिला अध्यक्ष श्याम सिंह भाटी ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुर्जर समाज का नाम बदनाम करने का काम किया है। जिसके बाद गुर्जर समाज के लोगों ने इन भाजपा नेताओं के खिलाफ 26 सितंबर को चिटहेरा गांव में पंचायत की। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रतिनिधि गुर्जर समाज की इस पंचायत से डर गए। रात के समय करीब 3:00 बजे पुनः सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द को जोड़ने का काम किया गया। इसके लिए देश के सभी गुर्जर समाज के लोग बधाई के पात्र हैं।"
श्याम सिंह भाटी ने आगे कहा, "यह लड़ाई यहीं पर खत्म नहीं होगी। यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हमारे पूर्वजों का और हमारी जाति का अपमान करने का जो काम किया है, उसका बदला गुर्जर समाज लेकर रहेंगा।
गुर्जर समाज से डर गए भाजपा नेता
गुर्जर परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र भाटी ने कहा, "जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने रात के समय में हमारे बाबा सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाया था। उसी तरीके से रात के समय में ही गुर्जर शब्द दोबारा से लगाया है।" उन्होंने आगे कहा, "पुलिस यहां पर चारों तरफ तैनात हैं। ऐसे में कोई भी आम आदमी यहां तक नहीं पहुंच सकता था। 22 सितम्बर से पूर्व रात के समय भाजपा नेताओं ने ही गुर्जर शब्द मिटाने का काम किया । जब पूरे देश में भाजपा नेताओं के खिलाफ गुर्जर समाज में रोष व्याप्त हो गया तो रात के समय में ही उन्होंने दोबारा से हमारे गौरव वीर सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द लगा दिया।
गंगाजल से शुद्धीकरण किया
रविंद्र भाटी ने कहा, "26 सितम्बर को चिटहेरा गांव में हुई पंचायत में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 सितंबर को सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाकर जो अनावरण किया था। उससे हमारे बाबा अशुद्ध हो गए थे। आज हमने गंगाजल से सम्राट मिहिर भोज के चरणों और प्रतिमा को धोकर शुद्धीकरण किया है।
राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने किए पुष्प अर्पित
इस प्रकरण के कुछ देर बाद ही भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने मिहिर भोज प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए। उस समय प्रतिमा के नीचे सम्राट मिहिर भोज के नाम के पीछे गुर्जर प्रतिहार शब्द लिखा हुआ था । उन्होंने कहा कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज हमारे पूर्वज हैं। उनके नाम के आगे से कभी भी गुर्जर शब्द हटाया ही नहीं गया। विपक्ष ने मामले में लोगों को भड़काने और जातीय उन्माद फैलाने वाली साजिश रची है। भारतीय जनता पार्टी किसी भी जाति का अपमान नहीं कर सकती।
सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण का मामला लगातार अब और तूल पकड़ता जा रहा है । 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनावरण के समय गुर्जर शब्द हटा दिया गया था । 26 सितंबर को महापंचायत हुई। जिसमें दोबारा से गुजर शब्द लिखने का फ़ैसला हुआ। गुर्जर शब्द लिखे जाने के बाद सांसद सुरेंद्र नागर श्रद्धांजलि देने पहुँचे । लेकिन विवाद उसके बाद फिर शुरू हो गया है कुछ लोगों ने अब शिलापट पर लिखें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,मंत्री अशोक कटारिया, सांसद सुरेंद्र नागर और विधायक तेजपाल नागर के नाम पर कालिख पोत दी है।जबकि इस पर लिखें समाजवादी पार्टी के एमएलसी नरेंद्र भाटी के नाम पर कुछ नहीं किया गया है।
अखिल भारतीय गुर्जर परिषद और अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के पदाधिकारियों ने इस घटना की निंदा करते अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। हालाँकि इस प्रकरण के बाद लोगों में गुस्सा भी देखने को मिल रहा है ,भाजपा के काफी लोगों ने इसे विपक्ष की साजिश बताया है । कहा है कि इस तरह से मुख्यमंत्री के नाम पर नाम पर कालिख नही पोतनी चाहिए थी।