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Noida News: किसानों ने निकाली तिरंगा यात्रा, प्राधिकरण को दिया संदेश-कहा हमारी शालीनता को कमजोरी न समझा जाए
सोमवार को किसान प्राधिकरण का घिराव करेंगे। किसानों और प्राधिकरण के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
Noida News: महात्मा गांधी की जयंती की पूर्व संध्या पर प्राधिकरण नीतियों के खिलाफ किसानों ने शुक्रवार को तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra) निकाली। डेड़ घंटे तक हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर घूमे। किसानों (Farmers) ने प्राधिकरण की परिक्रमा जमकर विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान वहन चालकोें को जाम का सामना करना पड़ा।
सोमवार को किसान प्राधिकरण का घिराव करेंगे। किसानों और प्राधिकरण के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का धरना करीब एक माह से लगातार चल रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को सेक्टर-6 हरौला बारात घर पर हजारों की संख्या किसान एकत्रित हुए। यहा से तिरंगा मार्च करते हुए किसान प्राधिकरण पहुंचे। यहा मौजूद पुलिस ने किसानों को रुकने नहीं दिया। प्राधिकरण की परिक्रमा कर किसान शाम को वापस हरौला बारात घर पहुंच गए। यहा पंचायत कर सोमवार को होने वाले धरने प्रदर्शन की रणनीति तय की गई।
महिलाओं के हाथों में सजा 60 मीटर लंबा तिरंगा
तिरंगा मार्च में किसानों के हाथों में तिरंगा था। लेकिन आकर्षण का केंद्र 6० मीटर लंबा तिरंगा रहा। जिसकी कमान महिला किसानों के पास थी। उन्होंने अपने दोनों हाथों को ऊपर कर 6० मीटर लंबे तिरंगे को संभाले रखा। पूरी यात्रा के दौरान एक बार भी उनका हाथ तिरंगे से नहीं हटा। इस दौरान किसानों ने कहा कि हमारी शालीनता को कमजोरी न समझा जाए।
इन मांगों पर नहीं बन रही बात
प्राधिकरण और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। विगत कई महीनों में आधा दर्जन बार प्राधिकरण के आला अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता हो चुकी है। इनकी जायज मांगों को प्राधिकरण ने पूरा भी किया साथ ही शासन स्तर पर बातचीत भी की जा रही है। पेंच अब भी फंसा हुआ है। किसान चाहते है कि सभी किसानों को 64.7 प्रतिशत की दर से सभी को मुआवजा दिया जाए। आबादी जहां है जैसी की तर्ज पर छोड़ी जाए। किसानों की आबादी से नक्शा पास कराने की नीति को हटाया जाए। गांवों में मकानों की ऊचाई को 25 मीटर तक बढ़ाने का आदेश पारित किया जाए। इन चार मांगों को लेकर प्राधिकरण और किसानों के बीच बातचीत असफल हो रही है।
प्राधिकरण की कामकाज संभालेंगे किसान
सोमवार को किसान प्राधिकरण बड़ी संख्या में प्राधिकरण पहुंच वहां का कामकाज संभालेंगे। किसान इस पर विचार कर रहे है। उनका कहना कि यह कार्य उन्हे पहले करना था। किसान किसी बुजुर्ग महिला को सीईओ, इसी तरह ओएसडी, तहसीलदार, पटवारी और अन्य अधिकारी बनाकर प्रतीकात्मक रूप में अपनी मांगों को उनके समक्ष रख्ोंगे।