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सुपरटेक मामला: 26 अधिकारियों की पाई गई संलिप्पता, 2 अधिकारियों की हो चुकी है मौत

नोएडा में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में SIT ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है।

Deepankar Jain
Report Deepankar JainPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 Oct 2021 11:40 PM IST
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सुपरटेक एमराल्ड मामला। (social media)

Noida: सुपरटेक एमराल्ड मामले में SIT ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। जांच के आधार पर दोनों टावरों के निर्माण में बरती गई अनियमितता में 26 अधिकारियों की संलिप्पता पाई गई है। जिसमें दो अधिकारियों की मौत हो चुकी है। 20 अधिकारी सेवानिवृत हो चुके है। सेवारत 4 अधिकारियों में से एक अधिकारी पूर्व में निलंबित किया जा चुका है। तीन अधिकारियों को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सेवानिवृत्त अन्य अधिकारियों के खिलाफ नियमों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने के आदेश दिए है।

जांच समिति की संस्तुती पर शासन द्बारा नोएडा प्राधिकरण में संलिप्त ' पाए गए अधिकारियों में दो वास्तुविद और सुपरटेक के 4 निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए विवेचना के निर्देश दिए गए है। वही, उप्र औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनीयम 1976 व उप्र अपार्टमेंट अधिनियम 2010 के प्राविधानों के उल्लंघन के दृष्टिगत नोएडा प्राधिकरण व सुपरटेक लि. के संलिप्पत पाए गए अधिकारियों के खिलाफ दोनो अधिनियमों के तहत सक्षम न्यायालय में परिवाद दाखिल करने के निर्देश दिए गए है। यही नहीं, दोनों वास्तुविदों के खिलाफ काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर को भी तत्काल जानकारी दी जाए। वहीं 7000 वर्गमीटर जमीन जिसे सुपरटेक द्बारा अतिक्रमण कर अवैध रूप से प्रयोग कर रहा था। प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि आगामी 15 दिनों में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।

इन मुद्दों पर तैयार की गई फाइनल ड्राफ्टिंग

-ग्रुप हाउसिग भूखंड संख्या जीएच-04 सेक्टर-93ए का आवंटन।

-मानचित्र स्वीकृत समय 2005, 2006, 2009 व 2012 में किए गए बदलाव।

-पहला 29 दिसंबर 2006 दूसरा 26 नवंबर 2009 व तीसरा 2 मार्च 2013 रिवाइज प्लान।

-फायर विभाग की ओर से जारी की गई आपत्ति का प्राधिकरण ने नहीं दिया जवाब।

-आरडब्ल्यूए की ओर से लगाई गई आरटीआई व मांगा गया सेंक्शन प्लान का जवाब नहीं।

-प्रथम प्लान में एफएआर 1.5 से तीसरे प्लान तक 2.75 तक बढ़ना।

-कवर्ड एरिया, सेटबैक, सेंक्शन ऊचाई के अनुसार दोनों टावरों की अन्य टावरों से दूरी उल्लंघन।

- मानचित्र के अनुसार निर्माण कार्य किया गया या नहीं ।

-मानचित्र को पास करने वाली कमेटी ने क्या बनाया आधार।

-एनबीआर -2006 का वायलेशन, तीसरा प्लान सेंक्शन होने से 5 माह पहले ही निर्माण कार्य शुरू करना।

इन अधिकारियों ने की पूरे मामले की जांच

संजीव मित्तल (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त)

मनोज कुमार सिह (अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग)

राजीव सब्बरवाल (अपर पुलिस महानिदेशक)

अनूप कुमार श्रीवास्तव (मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक

सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में टावर-16 नहीं गिराने लिए दिया प्रार्थना पत्र

सुपरटेक में दायर किए प्रार्थना पत्र में कहा है कि टी-17 जिसे 32 फ्लोर का बनाया गया है उसके 224 फ्लैट और कम्युनिटी क्षेत्र को गिरा दिया जाए तो टी-1 और टी-17 के बीच की न्यूनतम और अधिकतम 4० मीटर की दूरी को प्रा' कर सकते है। साथ ही टी-1 टावर वासियो के लिए बड़ा ग्रीन एरिया भी विकसित किया जा सकेगा। इस कंडीशन में टी-16 टावर को गिराने की आवश्यता नहीं होेगी।

दोनों टावरों की वर्तमान स्थिति

सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था जब एमराल्ड कोर्ट हाउजिग सोसायटी के बाशिदों की याचिका पर टावर ढहाने का आदेश 2014 में आया। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रि



Deepak Kumar

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