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Supertech Emerald Case: इन 3 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित, कार्रवाई शुरू

नोएडा में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में SIT ने शासन को रिपोर्ट सौंपने के बाद तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इनमें बिमला सिंह तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजन को जांच में दोषी पाया गया।

Deepankar Jain
Report Deepankar JainPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 Oct 2021 11:50 PM IST (Updated on: 4 Oct 2021 9:55 AM IST)
Supertech Emerald Case: इन 3 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित, कार्रवाई शुरू
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नोएडा। एसआईटी की जांच में मिली अनियमितता के चलते तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इनमे बिमला सिंह तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजन को जांच में दोषी पाया गया। इसके अलावा रितुराज व्यास तत्कालीन सहायक नगर नियुक्त , नोएडा संप्रति वरिष्ठ प्रबंधक (नियोजन) व अनीता तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट वर्तमान उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को निलंबित कर दिया गया है।

क्यों किया गया निलंबित बिमला सिंह को

-दो टावरों के मध्य दूरी के संबंध में भवन विनियमावली एवं निर्देश 2010 में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मानचित्र स्वीकृत प्रदान की गई।

-सुपरटेक कंस्ट्रक्शन लि. द्बारा तृतीय पुनरीक्षित ले आउट मानचित्र प्रस्तुत करे समय पूर्व निर्मित टावर-1 के सामने ग्रीन एरिया में टावर-16 (ग्राउंड प्लस 4o) व टावर-17 में (ग्राउंछ प्लस 39) का प्रस्ताव फ्लैट ओनर की बिना सहमति का प्रमाण पत्र लिए मानचित्र प्रस्तुत किया गया। जिसे नोएडा प्राधिकरण ने पास कर दिया जो नियम विपरीत स्वीकृत से पूर्व आरडब्ल्यू से अनपत्ती प्रा' नहीं गई।

-बढ़े हुए बिल्टअप एरिया के लिए दूसरे रिवाइज प्लान की स्वीकृत के बाद एवं निर्माण से पहले इनवायरमेंटल असिसमेंट नोटिफि केशन 2006 के प्राविधानों के अनुसार क्लीयरेंस प्राप्त नहीं किया गया।

-बिल्डर एवं आर्किटेक्ट के द्बारा भवन विनियमावली एवं निर्देश 2010 में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध मानचित्र प्रस्तुत किया गया।

इन कारणों से अनीता को किया गया निलंबित

-भवन नियमावली 2006 के अनुसार दोनों टावरों के बीच की दूरी 36.5 मीटर होनी चाहिए लेकिन टावर-1 व टावर-17 के बीच की दूरी 09 मीटर होने के बाद भी दूसरा रिवाइज प्लान स्वीकृत किया गया।

-सुपरटेक को दिए पहले व दूसरे सीसी में टावर-1 के सामने ग्रीन एरिया प्रस्तावित था। ग्रीन एरिया में टावर-16 व टावर -17 को प्रस्तावित कर दिया गया।

-दूसरे रिवाइज प्लान मानचित्र स्वीकृत से पहले ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया।

-बिल्डर व आर्किटेक्ट के द्बारा उप्र आनरशिप ऑफ फ्लैटब एक्ट 1975 के तहत फ्लैट ओनर से अनापत्ति प्रा' नहीं की गई।

-स्ट्रक्चरल सेफ्टी का आकलन नहीं किया गया। इसके बाद भी अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया गया। यही नहीं इंवायरमेंटल क्लीयरेंस प्रा' किए बगैर तीसरा सीसी जारी कर दिया गया।

रितु राज को निलंबित करने की वजहें

-टावर-6 और 7 की मध्य की दूरी 18.45 मीटर होनी चाहिए थी। जबकि नोएडा के द्बारा उपलब्ध कराए गए सर्वे शीट के अनुसार टावर-6 व 5 के बीच की दूरी 13.61 पाई गई। जोकि भवन नियमावली 2006 के अनुसार नहीं था।

-बिल्डर द्बारा एनबीआर 2006 के अनुसार मानचित्र प्रस्तुत नहीं किया गया।

-नोएडा द्बारा दिए गए सर्वे शीट में टावर-1 व टावर-12 के मध्य दूरी 16.40 व टावर-8 और टावर-10 के बीच की दूरी 17.63 मीटर पाई गई। यह दूरी 18.45 होनी चाहिए।

-टावर-13 व टावर-14 में अतिरिक्त निर्माण का स्ट्रक्चरल सेफ्टी आकलन नहीं किया गया।

-बिल्डर और आर्किटेक्ट के द्बारा प्रथम रिवाइज प्लान में ले-आउट मानचित्र में टावर-13 व 14 में प्रस्तावित तलों का निर्माण कार्य के सीसी का आवेदन करते समय उपरोक्त टावर का स्ट्रक्चरल सेफ्टी का आकलन करते हुए स्ट्रक्चरल सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया जाना थ जिस नहीं किया गया।

-बिना भौतिक अवस्थपना के क्रय योग्य एफएआर स्वीकृत किया गया।

-स्ट्रक्चरल सेफ्टी प्रमाण पत्र प्राप्त होने से पहले ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया।

-टावर-1 व टावर-17 के बीच की दूरी 36.5 मीटर होनी चाहिए जबकि यहा दूरी 9 मीटर के साथ ही दूसरा रिवाइज प्लान पास कर दिया गया।

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Deepak Kumar

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