TRENDING TAGS :
Noida में किसानों पर चली लाठियां, पुलिस के बीच जमकर झड़प, सभी गेटों को लिया गया कब्जे में
नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प
Kisan Andolan Noida: मांगों को लेकर एक बार फिर किसान (kisan andolan noida today news) प्राधिकरण (authority) के दरवाजे तक पहुंच गए। पहले तो किसानों ने बेरिगेडिंग पर चढ़कर प्राधिकरण (Noida authority) को पांच मिनट का समय दिया और जमकर नारेबाजी की। प्राधिकार (authority) के बारे चेतन को तोड़कर अंदर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे इस दौरान पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज (Kisanon Per Lathicharge) किया कई किसानों को हल्की हल्की चोट लगी है प्राधिकरण (authority) के तीन गेट गेट नंबर 2 गेट नंबर 3 और गेट नंबर 4 पर किसानों का भारी जमावड़ा भारी पुलिस (Noida Police) बल मौजूद है किसान यू ऋतु महेश्वरी से बातचीत को लेकर अड़े हैं हंगामा लगातार जारी है। किसानों (kisan andolan live) ने प्राधिकार को सोमवार तक का समय दिया था।
Noida में किसानों और पुलिस में भिड़ंत (kisan Aur Noida Police Jhadap)
प्रदर्शन के दौरान किसानों व अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। किसान (Kisan Andola Live News) एक सितंबर से सेक्टर-5 हरौला बारात घर में धरने पर बैठे हैं। सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे किसान हरौला बारात घर से प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन करने के लिए निकले। करीब तीन बजे किसान एक स्थान पर लगी बेरीकेडिग को तोड़ते हुए प्राधिकरण कार्यालय तक जा पहुंचे।
आगे गेट पर लगी बेरीकेडिग पर पुलिस ने किसानों को रोक लिया। यहां किसानों ने नोएडा प्राधिकरण (noida pradhikaran news) अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद वेरीगेटम को तोड़ते हुए तीनों के गेट को अपने कब्जे में लिया करीब आधा घंटे तक किसानों ने प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि किसान 38 दिन से लगातार धरना दे रहे हैं।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज (Noida Police Ne Kiya Lathicharge)
मैं बारी कटिंग का तो होने के चलते पुलिस ने किसानों को खदेड़ने के लिए जमकर लाठीचार्ज (kisanon per lathicharge) के दौरान कई किसानों (Kisan Andolan Today News) को भारी चोट भी लगी है यहां किसानों के साथ पुलिस की जमकर धक्का-मुक्की (Noida Me Kisan Andolan) हुई किसान अड़े हुए हैं जब तक किए से बातचीत नहीं करेंगे और अपना हाथ लेकर नहीं जाएंगे तब तक लगातार धरना जारी करेंगे।
किसानों के आते ही गेटों पर लग गए ताले
किसानों (kisanon per lathicharge) के प्राधिकरण के गेट पर पहुंचते ही प्राधिकरण में प्रवेश करने वाले सभी गेटो पर ताले लगा दिए गए। न तो कोई अंदर से बाहर और न ही कोई बाहर से अंदर जा सकता था।
प्रदर्शन के समय किसान हुए उग्र, बेरिकेटिंग तोड़कर प्राधिकरण गेट पर लगाया ताला
Kisan Andolan Noida: मांगों को लेकर सोमवार को किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया। पहले सड़क पर लगे गेट का ताला फिर बेरिकेटिंग तोड़कर किसानों ने गेट नंबर-4 पर ताला लगा दिया। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। लाठियां चलाई बेरिकेटिंग से लेकर गेट नंबर-4 तक पुलिस और किसानों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान एडीसीपी व अन्य पुलिसकर्मियों की वर्दी फट गई। किसानों को भी चोटें लगी है। किसानों ने मांगों का लेकर प्राधिकरण को मंगलवार तक का समय दिया था। लेकिन वह सोमवार को ही प्राधिकरण पहुंच गए।
किसान एक सितंबर से सेक्टर-5 हरौला बारात घर में धरने पर बैठे हैं। सोमवार को दोपहर करीब दो बजे किसान हरौला बारात घर से प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन करने के लिए निकले। करीब ढाई बजे हजारों की संख्या में किसान मुख्य रोड पर बने गेट पर पहुंचे। यहा से मुख्य बेरिकेटिंग करीब 5० मीटर की दूरी पर है। किसानों ने गेट पर लगा ताला तोड़ा। इसके बाद वह बेरिकेटिंग तक पहुंचे। यहा किसानों ने बेरिकेटिंग तोड़ी। पुलिस ने किसानों को यही पर रोकने के लिए बल प्रयोग किया। पुलिस ने किसानों पर लाठियां चलाई। बेरिकेटिंग तोड़ते हुए किसान स्वागत कक्ष पहुंचे यहा किसानों को दोबारा रोकने के लिए पुलिस आौर किसानों के बीच झड़प हुई।
गेट नंबर-4 पर लगाया ताला
किसानों ने गेट नंबर-4 पर ताला लगा दिया। दस दौरान किसानों और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई। इसी आपाधापी में एडीसीपी रणविजय सिंह की वर्दी तक फट गई। किसानों ने यहा करीब आधे घंटे तक प्राधिकरण को बंधक बनाए रखा। अंदर से न कोई बाहर आ सकता था और न ही जा सकता था। प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी करते हुए किसान यहा से चले गए। किसान नेता सुखबीर पहलवान ने कहा कि जब तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, एडीसीपी रणविजय ने कहा कि बातचीत से समस्या का हल निकाला जा सकता है।
सात बार किसानों से हो चुकी है वार्ता
मांगों को लेकर विगत कई महीनों में किसानों की प्राधिकरण अधिकारियों के साथ सात बार बैठक हो चुकी है। लेकिन हर बार वार्ता विफल ही रही। किसानों की मांग है कि आबादी जैसी है उसे छोड़ा जाए। सभी किसानों को 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा दिया जाए। गांव में नक्शा पास नीति को समा' किया जाए और गांवों में इमारतों को 25 मीटर की मंजूरी दी जाए।