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Noida News: यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी जमकर होता रहा ट्विन टावर का प्रचार
अदालत में मामला होने के बाद भी सुपरटेक और कई अन्य प्रापर्टी से संबंधित वेबसाइटों पर ट्विन टावर का प्रचार-प्रसार जोरों से होता रहा।
Noida News: अदालत में मामला होने के बाद भी सुपरटेक और कई अन्य प्रापर्टी से संबंधित वेबसाइटों पर ट्विन टावर का प्रचार-प्रसार जोरों से होता रहा। इसका सिलसिला अब भी जारी है। जबकि 10 दिसंबर 2010 योजना (ट्विन टावर) की आरडब्ल्यूए की ओर से उच्च न्यायालय में एक रिट दायर की गई। जिसमे नेशनल बिल्डिंग कोड-2005 व नोएडा भवन नियमावली 2010 में दिए गए प्रावधानों के विपरीत दोनों टावरों के बीच की दूरी नहीं छोड़ने का आधार बनाया गया।
सुपरटेक व अन्य प्रापर्टी की वेबसाइटों पर किया जा रहा प्रचार
5 मई 2014 को उच्च न्यायालय ने टावर संख्या टी-16 व टी-17 यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश पारित किए। सुपरटेक की ऑफिशियल वेबसाइट पर एमराल्ड कोर्ट का ट्विन टावर से अलग प्रोजेक्ट बताया गया है। साइट पर इनको एपेक्स और सयान नाम दिया गया है। जिन पर क्लिक करते ही इन परियोजनाओं की पूरी जानकारी, नक्शा, सुविधा के अलावा कितने फ्लोर तक का कार्य पूरा हो चुका है इसकी पूरी जानकारी तक दी जा रही है। यही नहीं ई-मेल के जरिए भी इसकी जानकारी ली जा सकती है।
भ्रामक प्रचार से बायर्स के साथ हो सकती है धोखाधड़ी
बतौर बुकिंग अमाउंट से लेकर किस्तों का ब्यौरा भी दिया गया है। यही हाल अन्य प्रापर्टी से संबंधित साइटों का भी है। जबकि 2014 के बाद से इस साइट पर उच्च न्यायालय ने स्टे लगा रखा है। सात साल बाद भी परियोजना का ले-आउट दिखाकर निवेश करने वाले लोगों को धोखे में रखने का कार्य सुपरटेक की ओर से किया जा रहा है। कई साइटों पर परियोजनाओं को रेडी टू मूव भी दिखाया जा रहा है। यदि पड़ताल की जाए तो कई ऐसे बायर्स होंगे जो इनके जाल में फंसे होंगे। बहराल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दोनों टावरों को गिराने का कार्य आगामी तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने तैयार शुरू कर दी है। साथ ही सुपरटेक व अन्य साइटों पर दिखाए जा रहे सयान व एपेक्स के भ्रामक प्रचार में न फंसे।