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Noida News: एमराल्ड मामले में 24 घंटे में हो सकती है बड़ी कार्रवाई, प्राधिकरण ने शासन को भेजी रिपोर्ट
नोएडा सुपरटेक एमराल्ड मामले में आगामी 24 घंटे में शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इससे संबंधित एक रिपोर्ट जांच के बाद प्राधिकरण ने शासन भेज दी है।
Noida Super Tech Emerald Case : नोएडा सुपरटेक एमराल्ड मामले में आगामी 24 घंटे में शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इससे संबंधित एक रिपोर्ट जांच के बाद प्राधिकरण ने शासन को दी है। जिसमें लगभग आधा दर्जन अधिकारियों के नाम शामिल है। यह नियोजन, ग्रुप हाउसिंग व इंजीनियरिंग विभाग के है। इन नामों में गैजेटेड श्रेणी के अधिकारी भी शामिल है। जिनके नाम का खुलासा शासन स्तर से किया जाएगा। यह रिपोर्ट जीएच-04 सेक्टर-93ए का आवंटन व इस भूखंड पर मानचित्र स्वीकृति जो कि 2005, 2006, 2009 व 2012 में दी गई के आधार पर बनाई गई है।
एमराल्ड मामले में अनियमितता की नींव 2004 में रखी गई। 2012 तक अधिकारियों की ओर से अनदेखी की जाती रही। इस समयांतराल में नियोजन विभाग में वास्तुविद के रूप में वीके देव पुजारी, एके मिश्रा, त्रिभुवन सिंह व रितुराज वर्तमान में यमुना विकास प्राधिकरण में तैनात है। इन सभी पर जांच के बादल मंडरा रहे हैं। रितुराज को छोड़कर सभी अधिकारी सेवानिवृत हो चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि इन सभी का नाम प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। इसके अलावा एक गैजेटेड आफिर भी है। एमराल्ड मामले में मानचित्र स्वीकृत करने वाली समिति इंजीनियरिंग सेक्शन के हस्ताक्षर होते थे। इसमें बाबूराम का नाम भी शामिल है। जांच में इनको भी शामिल किया गया है। यदि जांच में प्रस्तुत किए गए साक्ष्य इनके पक्ष में नहीं होते है तो शासन स्तर से जल्द ही इन सभी पर गाज गिर सकती है।
2004 से 2017 तक अनिमितता में लिप्त अधिकारियों पर गिरेगी गाज
शासन स्तर पर 2004 से 2017 तक प्राधिकरण में एमराल्ड मामले में लिप्त सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के एसआईटी गठित की है। एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह भी संज्ञान में आया है कि इस दौरान नियुक्त अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी प्राधिकरण से सेवानिवृत्त हो चुके है।
शासन स्तर हुई पहली कार्रवाई
एमराल्ड मामले में शासन स्तर से पहली कार्रवाई की गई है। एमराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में नोएडा प्राधिकरण की ओर से पैरवी की जिम्मेदारी संभाल रहे नोएडा के तत्कालीन नियोजन प्रबंधक मुकेश गोयल को उच्च अधिकारियों से तथ्य छिपाने का दोषी पाया गया। संदिग्ध भूमिका सामने आते ही शासन ने इसी पद पर गीडा में तैनात गोयल को निलंबित कर दिया है।