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Noida News: यूपी अब बीमार नहीं बल्कि ग्लोबल सप्लाई की चेन में कर रहा लीड
सिद्धार्थनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के विकास में उद्यमियों के योगदान का जिक्र करते हुए आगे की योजनाओं की जानकारी दी।
Noida News: यूपी अब बीमार नहीं बल्कि अब ग्लोबल सप्लाई की चेन में लीड कर रहा है। 2016-17 में प्रदेश के निर्यात सेक्टर 4.50 प्रतिशत ड्राप था। 2016-17 में यह करीब 80 हजार करोड़ रुपये से कम था। वही, कोरोना काल में एक्सपोर्ट सेक्टर बढ़ते हुए 1 लाख 81 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच गया। 2020-2021 यानी कोरोना काल के दौरान 5.52 प्रतिशत का जंप देखने को मिला। 2026 -27 उप्र में एक्सपोर्ट सेक्टर 3 लाख करोड़ रूपये तक पहुंचाने का लक्ष्य सरकार का है। यह बात शनिवार को एमएसएमई मंत्री प्रदेश सरकार सिद्धार्थनाथ सिंह (Siddharthnath Singh) ने कहीं।
वह यहां आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के दौरान एक्सपोर्टस कॉनक्लेव में शिरकत करने आए थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें सोचती थी कि उद्यमी एक प्रकार के एटीएम मशीन हैं। यह हमारी सरकार नहीं सोचती। आप हमारे साथी हैं। हम मिलकर उद्योगों को और ज्यादा सुविधा देंगे। यही वजह है कि उप्र एक समय में आर्थिक दृष्टि व इज ऑफ डूइंग बिजनेस मामले में पांचवें व छठे स्थान पर था। पिछले चार से पांच सालों में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। दिल्ली में तय होने वाली नीतियां अब उप्र के माध्यम से जाती है।
एक्सपोर्ट और ज्यादा तेजी से बढ़े इसके लिए इंटरनेशनल एक्जीबिशन को और ज्यादा सब्सिडी देने पर विचार किया जा रहा है। आने वाली एक अक्टूबर से दुबई में एक्जीबिशन लगने जा रही है। फिक्की के साथ मिलकर कोरोना काल में रशिया में स्थगित हुए एक्जीबिशन, कजाकिस्तान, वियतनाम, जर्मनी में आयोजित होने वाली एक्जीबिशन में भी हिस्सा लेंगे। गल्फ देशों में भी हम हिस्सा लेंगे। अधिकांश देशों में वर्चुअल बीटूबी करेंगे। उप्र में ओडीओपी में जीआई टैगिंग 28 से 56 करेंगे। कॉन्क्लेव में सांसद डा. महेश शर्मा, विधायक जेवर धीरेंद्र सिंह, एनएईसी के अध्यक्ष ललित ठकराल, आईआईए के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट राजीव बंसल, डीजीएफटी के उप निदेशक नीतीश सूरी, एचएचईडब्ल्यूए के प्रेजिडेंट सीपी शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।
जल्द लांच होगा निर्यातकों के लिए निर्यात सारथी एप
निर्यातकों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए जल्द ही निर्यात सारथी एप लांच किया जाएगा। इसकी सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी है।
सैल्यूलर व इलेक्ट्रॉनिक्स पार्टस होंगे मेक इन इंडिया
200 एकड़ में सैल्यूलर और इलेक्ट्रानिक्स पार्टस बनने के लिए यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) में स्थान को आवंटित कराया गया है। ऐसे में जो भी एमएसएमई या कंपनियां आना चाहती है , वहां आ सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी इलेक्ट्रानिक्स व सैल्यूलर के अधिकांश प्रोडेक्ट चाइना, मलेशिया आदि देशों के होते है। प्रयास है इसका निर्माण देश में ही होगा। जितने भी एक्सप्रेस-वे पर है उसका 50 प्रतिशत क्षेत्र भी एमएसएमई का होगा।