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सुपरटेक की बढ़ी मुश्किले, मनी लार्डिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशाल ने की छापेमारी, कई घंटों तक चलती रही पूछताछ
Noida News: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सुपरटेक के सेक्टर-96 स्वॉयर टावर में ऑफिस, सुपरटेक के एमडी के घर भी छापेमारी की।
Noida News: सुपरटेक (supertech) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दोनों टावर (सियान व एपेक्स) में कथित अवैध निर्माण (illegal construction) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुपरटेक के खिलाफ मनी लॉड्रिंग (money laundering) के तहत जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने सुपरटेक के सेक्टर-96 स्वॉयर टावर (square tower) में ऑफिस, सुपरटेक के एमडी के घर भी छापेमारी की। सुबह आठ बजे छापेमारी की गई। पूछताछ का सिलसिला देरशाम तक चलता रहा। इस दौरान आफिस के स्टाफ को भी कहीं जाने नहीं दिया गया। 10 घंटे से भी ज्यादा पूछताछ में कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। प्रवर्तन निदेशालय की टीम सुपरटेक के एमडी व एसआईटी की जांच में दोषी अधिकारियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस देने की तैयार की जा रही है। ताकि जांच के दौरान कोई भी देश छोड़कर जाने का प्रयास न करे।
सूत्रों ने बताया कि यूनीटेक और आम्रपाली के बाद सुपरटेक तीसरी ऐसी रियल स्टेट कंपनी (real estate company) है। जिसकी जांच ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत शुरू हो चुकी है। इसके लिए जल्द ही लुक आउट नोटिस जारी किए जाएंगे। इस मामले में ईडी प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी व बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ कर सकती है। दरअसल, प्राधिकरण में जो भी नीति निर्धारण किया जाता है उसमे बोर्ड की सहमति होना जरूरी है। ईडी पहले से ही नोएडा प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ के साथ-साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के छह अन्य उच्च पदस्थ पूर्व अधिकारियों की जांच कर रहा है, जिन्हें आम्रपाली मनी लॉड्रिंग मामले में इस साल जनवरी में एजेंसी द्बारा तलब किया गया था। यही नहीं ईडी की जांच के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अन्य पूर्व अधिकारियों में दो ओएसडी और तीन महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के एक एजीएम रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। उनमें से कुछ के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं। फिलहाल ईडी सुपरटेक के एमडी के अलावा उसके एकाउंट सेक्शन व आडिट रिपोर्ट के आधार पर पूछताछ कर रही है। कही न कही इन कड़ियों को सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावरों के साथ जोड़कर देखा जाएगा।
अधिकारियों द्बारा अर्जित संपत्ति की जांच कर सकता है ईडी
सुपरटेक द्बारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के अलावा, उस दौरान नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्बारा अर्जित वित्त और संपत्ति की जांच भी कर सकता है। जांच के बाद ही सरकारी राजस्व के नुकसान का आकलन किया जा सकेगा। दरअसल, सुपरटेक एमराल्ड मामले में एसआईटी की टीम ने 30 लोगों को दोषी माना था। इसमे कई आईएएस अधिकारी शामिल है। सूत्रों की माने तो 3० में से करीब एक दर्जन अधिकारी ईडी की रडार पर आ चुके है। इन सभी को लुक आउट नोटिस जारी कर पूछताछ हो सकती है।
दोनों टावरों में बनाए गए है 950 से ज्यादा फ्लैट
एमराल्ड कोर्ट मामले में शीर्ष अदालत ने दोनों टावर को गिराने को तीन माह में गिराने का आदेश दिया है। प्राधिकरण ने इसकी तैयार शुरू कर दी है। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है।
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