TRENDING TAGS :
Noida News: औद्योगिक क्षेत्र में फार्म हाउस विकसित करने के नाम पर 145 करोड़ की राजस्व क्षति
प्राधिकरण में फार्म हाउस विकसित करने के नाम पर ही करीब 145 करोड़ रुपए की वित्तीय राजस्व की क्षति की गई।
Noida News: प्राधिकरण में वित्तीय अनिमितताओं की एक लंबी सूची है। यहा औद्योगिक विकास क्षेत्र में फार्म हाउस विकसित करने के नाम पर ही करीब 145 करोड़ रुपए की वित्तीय राजस्व की क्षति की गई। महज एक दिन में ही योजना को प्रारूप दिया गया। उसी दिन शाम को बैठक की गई। योजना में भूमि की दर तय की गई, नियम व शर्तों को तैयार करने के लिए सलाहकार नियुक्त करने की संस्तुति दी गई और कंपनी को भुगतान के लिए बिल भी प्रस्तुत कर दिया गया। एक दिन बाद आला अधिकारियों ने योजना को स्वीकृत करते हुए विज्ञापन तक जारी करवा कर योजना को लांच कर दिया।
दरअसल, 2009 में प्राधिकरण ने औद्योगिक क्षेत्र में फार्म हाउस विकसित करने की ओपन एंड योजना को लांच किया। 12 जनवरी, 2009 को इसको लेकर एक बैठक की गई और सभी तरह के कागजी कार्य पूर्ण कर 19 जनवरी, 2009 को योजना को लांच कर दिया गया। फार्म हाउस के लिए आवंटन दर 3100 रुपए प्रति वर्ग मीटर तय की गई। इस योजना में कई नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया गया। जांच में सामने आया कि योजना के प्रकाशन के बाद महज एक माह में ही पांच संशोधन किए गए।
उस समय औद्योगिक भूखंड की दर 20 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर व फेज-2 में न्यूनतम दर 5000 रुपए प्रति वर्ग मीटर थी। जबकि अन्य भूखंडों की दर 14400 प्रति वर्ग मीटर थी। इसके सापेक्ष यदि कम दरों में आवंटन प्राधिकरण हित या जनहित में था तो समस्त प्रकार के भूखंडों की दर फार्म हाउस की दर के अनुरूप ही क्यों तय नहीं की गई। बड़ी बात यह है कि इस योजना का प्रारूप तैयार करने वाली समिति में तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विशेषाधिकारी के अलावा सदस्य के रूप में आरओ, एफसी, सीएलए, सीएपी, वरिष्ठ टाउन प्लानर, परियोजना अभियंता-1, उप महाप्रबंधक (संस्थागत) शामिल थे। जिन्होंने योजना को स्वीकृत किया। जब योजना एक दिन में ही लांच कर दी गई और लोगों द्बारा की गई आपत्तियों का भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला इसके बाद भी सलाहकार कंपनी को 13 लाख से ज्यादा की रकम का अनावश्यक भुगतान किया गया। फार्म हाउस की दर 3100 प्रति वर्ग मीटर का क्या आधार था। इसका लेखा जोखा तक नहीं स्पष्ट नहीं किया गया।