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Noida News: शिप्रा बिल्डर के दो ग्रुप हाउसिंग भूखंडों का आवंटन निरस्त, 596 करोड़ है बकाया

नक्शा पास नहीं कराने व आवंटन धनराशि जमा नहीं करने पर की नोएडा प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है।

Deepankar Jain
Published on: 17 Sep 2021 5:01 PM GMT
noida pradhikaran
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी (फोटो-न्यूजट्रैक)

Noida News: नोएडा विकास प्राधिकरण (noida pradhikaran) ने सेक्टर-43 में स्थित शिप्रा बिल्डर (shipra builder) के दो ग्रुप हाउसिग भूखंडों का आवंटन निरस्त कर दिया है। नक्शा पास न कराने और अभी तक आवंटन धनराशि जमा नहीं करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। वहीं जिन बिल्डर प्रमोटर ने अभी तक सोसायटी को एओए व आईएफएमएस फंड की राशि ट्रांसफर नहीं की है। उनकी अनसोल्ड यूनिट्स को सील कर दिया जाएगा। जिन परियोजनाओं में एसटीपी प्लांट नहीं काम कर रहे हैं। वहां के क्लब हाउस और सेल ऑफिस को सील कर दिया जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाए की किसी भी दशा में सिवरेज पानी (बिना शोधित किया गया पानी) नालों में न बहाया जाए।

अधिकारियों ने बताया कि जुलाई 2016 में शिप्रा को नोएडा प्राधिकरण (noida pradhikaran) ने भूखंड आवंटित किया था। बिल्डर ने इसमें से दो भूखंड बना लिए। इन दोनों भूखंड की सब लीज अलग-अलग कंपनियों के नाम कर दी। दोनों भूखंड का क्षेत्रफल करीब 41 हजार 125 मीटर है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों भूखंड पर 298-298 करोड़ रुपए प्राधिकरण के बकाया हैं। पैसे जमा करने व नक्शा पास कराने के लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी की गयी। लेकिन बिल्डर ने न तो कोई जबाव दिया और न ही बची औपचारिकताओं को पूरा किया। ऐसे में बिल्डर को आवंटित भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।

एओए व आईएफएमएस फंड की राशि ट्रांसफर नहीं करने पर सील की जाए अनसोल्ड यूनिट्स

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने गुरुवार को ग्रुप हाउसिग विभाग की परियोजनाओं में महागुन, प्रतीक, आरजी रेजीडेंसी, एटीएस, सुपरटेक, सनशाइन इंफ्रावेल प्रा.लि., पर, फेक्ट प्रो. में आ रही एओए हस्तांतरण व आईएफएमएस फंड की धनराशि ट्रांसफर नहीं किए जाने को लेकर एक बैठक की गई। सीईओ ने निर्देश दिए कि जहा एओए का मामला है वहां 30 सितंबर से पूर्व हस्तांतरण सोसायटी को दिया जाए। वहीं, महागुन, एटीएस, सुपरटेक, सनराइज, एवं सनशाइन प्रा.लि. की जिन परियोजनाओं में एओए के हस्तांतरण के बाद भी आईएफएमएस की धनराशि हस्तांतरित नहीं की गई है इस कार्य को भी 30 सितंबर तक पूरा कराया जाए। वहीं, जिन परियोजनाओं में पानी का बिल बकाया है उसे वसूल किया जाए। इसके लिए ज़रूरी हो तो आरसी जारी कर कार्यवाही की जाए।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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