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Noida Twin Towers: ब्लास्ट के 10 सेकंड में गिर जाएगी इमारत, लगाई जाएंगी एंटी स्मोक गन
Noida News: सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावरों को गिराने वाली कंपनी एडिफिस को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी मिल गई है। 15 फरवरी तक पुलिस विभाग से एनओसी मिल जाएगी।
Noida News: सुपरटेक एमराल्ड (Supertech Emerald) के दोनों टावरों को गिराने वाली कंपनी एडिफिस को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (gas authority of india) से एनओसी मिल गई है। 15 फरवरी तक पुलिस विभाग (Police Department) से एनओसी मिल जाएगी। इसके बाद एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक्स्प्लोसिव लाया जाएगा। इसको लगाने के काम टावर ध्वस्तीकरण से पहले शुरू किया जाएगा। हालांकि कितना एक्स्प्लोसिव लगाया जाएगा इसका ब्लास्ट डिजाइन एडिफिस कंपनी (Blast Design Edifice Company) पुलिस को देगी।
इसके बाद एक्स्प्लोसिव एक्ट के तहत कंपनी को एक्स्प्लोसिव दिया जाएगा। 20 फरवरी से टावर के पास मशीनरी पहुंचान का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद 22 मई तक दोनों टावरों ध्वस्त कर दिया जाएगा और 22 अगस्त तक स्थल को साफ कर दिया जाएगा।
दोनों टावरों के नीचे से जाती है पाइप लाइन
एमराल्ड (Supertech Emerald) में 15 टावर और आसपास की सोसायटी में गैल की पाइप लाइन है। ये लाइन दोनों टावरों के करीब तीन मीटर नीचे से होकर जाती है। ऐसे में इस लाइन पर कितना इंपेक्ट होगा ये डिजाइन कंपनी ने गेल को दिया था। जिस पर सहमित बनने के बाद ही गेल ने कंपनी को एनओसी दी है। यही नहीं लाइन पर असर न पड़े इसक लिए तीन मीटर तक कुशन की कवर किए जाएंगे।
एक ही दिशा में परत दर परत गिरेगा टावर
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि टावर को एक ही दिशा में गिराया जाएगा। जिससे उसका मलबा भी एक ही स्थान पर गिरे। इसमे सबसे महत्वपूर्ण हवा का डायरेक्टश होगा। ऐसे में टावर को गिराने और मौसम का पुर्वानुमान ही काफी महत्वपूर्ण होगा। एक्स्प्लोसिव प्रत्येक ब्लाक के कॉलम में लगाया जाएगा। कॉलम और ब्लॉक की चौड़ाई और उसकी स्ट्रक्चरल रिपोर्ट के आधार पर लगाया जाएगा। जिससे कोई नुकसान न हो। ब्लास्ट के महज 10 सेकंड में टावर परत दर परत नीचें आ जाएगा।
प्रदूषण को कम करने के लिए लगेंगे स्प्रिकंल और एंटी स्मोक गन
टावर गिरने के दौरान करीब 15 मिनट तक धूल का गुबार उड़ेगा। इसे थामने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यहा स्प्रिकंल लगाए जाएंगे। जिससे धूल को बैठाया जा सके । इसके अलावा चारो ओर एंटी स्मोक गन भी लगाई जाएगी, जिससे वातावरण के प्रदूषण को कम किया जा सके। बता दें कि नोएडा में प्रदूषण का स्तर हमेशा ही ज्यादा रहता है ऐसे में ये काफी महत्वपूर्ण होगा।
टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया
सोसाइटी के आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से निर्माण के बारे में जानकारी मांगी, तो उन्हें मना कर दिया गया। एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) निवासी इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंचे। हाईकोर्ट ने अप्रैल 2014 में दोनों टावरों को अवैध करार दिया। उन्हें गिराने का आदेश दे दिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि एपेक्स और सियान नाम के इन टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसी फैसले के खिलाफ सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील की थी, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी दोनों को अवैध माना और 30 नवंबर 2021 तक दोनों टावरों को गिराए जाने को कहा था, लेकिन आसपास की सुरक्षा को देखते हुए तारीख आगे बढ़ती गई।
32-32 फ्लोर पर बनाए गए 950 से ज्यादा फ्लैट
सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से 2014 में स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है। इन 252 निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ करीब 100 करोड़ रुपए वापस करने है। दोनों टावरों को गिराने में करीब 17 करोड़ रुपए का खर्च होगा इसमे मलबे की कीमत करीब 13 करोड़ रुपए के आसपास होगी।
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