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Noida Supertech Emerald Case: फाइनल ड्राफ्ट तैयार, अब शासन के निर्देशों का इंतजार, इन अधिकारियों पर गाज गिरनी तय

सुपरटेक एमराल्ड के सियान व एपेक्स टावर की जांच कर रही लखनऊ से आई अतिरिक्त टीम ने फाइनल ड्राफ्टिंग पूरी कर ली है। इसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। शासन के निर्देशानुसार ही कार्यवाही की जाएगी।

Deepankar Jain
Published on: 10 Sept 2021 7:54 PM IST (Updated on: 11 Sept 2021 10:06 AM IST)
Final draft ready, now waiting for instructions of the government, these officers are set to be punished
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नोएडा सुपरटेक एमराल्ड मामला में फाइनल ड्राफ्ट तैयार: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Noida Supertech Emerald Case: सुपरटेक एमराल्ड के सियान व एपेक्स टावर की जांच कर रही लखनऊ से आई अतिरिक्त टीम ने फाइनल ड्राफ्टिंग पूरी कर ली है। वह शुक्रवार को लखनऊ वापस लौट गई। आगामी दो दिनों में यहां नोटिंग तैयार की जाएगी। इसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। शासन के निर्देशानुसार ही कार्यवाही की जानी है। बहरहाल, इस मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद तय हो गया था कि प्राधिकरण और बिल्डर की मिली भगत से ही इस टावर का निर्माण कराया गया। ऐसे में करीब आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही तय मानी जा रही है।

इन मुद्दों पर तैयार की गई फाइनल ड्राफ्टिंग

-ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-04 सेक्टर-93ए का आवंटन।

-मानचित्र स्वीकृत समय 2005, 2006, 2009 व 2012 में किए गए बदलाव।

-पहला 29 दिसंबर 2006, दूसरा 26 नवंबर 2009 व तीसरा 2 मार्च 2021 रिवाइज प्लान।

-फायर विभाग की ओर से जारी की गई आपत्ति का प्राधिकरण ने नहीं दिया जवाब।

-आरडब्ल्यूए की ओर से लगाई गई आरटीआई व मांगा गया सेंक्शन प्लान का जवाब नहीं।

-प्रथम प्लान में एफएआर 1.5 से तीसरे प्लान तक 2.75 तक बढ़ना।

-कवर्ड एरिया, सेटबैक, सेंक्शन ऊचाई के अनुसार दोनों टावरों की अन्य टावरों से दूरी उल्लंघन।

- मानचित्र के अनुसार निर्माण कार्य किया गया या नहीं ।

-मानचित्र को पास करने वाली कमेटी ने क्या बनाया आधार।

-एनबीआर -2००6 का वायलेशन, तीसरा प्लान सेंक्शन होने से 5 माह पहले ही निर्माण कार्य शुरू करना।

क्या हो सकती है कार्यवाही

-इस मामले में धोखाधड़ी और सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का दोषी

-भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है।

-समस पर किस्तों का भुगतान नहीं करने पर सरकारी राजस्व को नुकसान

इन अधिकारियों ने की पूरे मामले की जांच

-संजीव मित्तल (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त)

-मनोज कुमार सिंह (अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग)

-राजीव सब्बरवाल (अपर पुलिस महानिदेशक)

-अनूप कुमार श्रीवास्तव (मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक)




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Shashi kant gautam

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