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Noida News: सुपरटेक की बढ़ीं मुश्किलें, हवाला कारोबार से जुड़े हो सकते हैं तार

सुपरटेक के एमडी व इस मामले में लिप्त प्राधिकरण अधिकरियों को लुक आउट नोटिस देने की तैयार की जा रही है।

Deepankar Jain
Published on: 11 Sept 2021 5:13 PM IST
Tower Cyan Apex
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सुपटेक के दोनों टॉवर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Noida News: सुपरटेक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दोनों टावर (सियान व एपेक्स) में कथित अवैध निर्माण को लेकर प्रवर्तन निदेशालय सुपरटेक के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के तहत जांच शुरू कर सकता है। सुपरटेक के एमडी व इस मामले में लिप्त प्राधिकरण अधिकरियों को लुक आउट नोटिस देने की तैयार की जा रही है। ताकि जांच के दौरान कोई भी देश छोड़कर जाने का प्रयास न करे। इन सभी से जल्द ही पूछताछ हो सकती है।

सूत्रों ने बताया कि यूनीटेक और आम्रपाली के बाद सुपरटेक तीसरी ऐसी रियल स्टेट कंपनी है। जिसकी जांच ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत करेगी। इसके लिए जल्द ही लुक आउट नोटिस जारी किए जाएंगे। इस मामले में ईडी प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी व बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ कर सकती है। दरअसल, प्राधिकरण में जो भी नीति निर्धारण किया जाता है, उसमें बोर्ड की सहमति होना जरूरी है।

ईडी पहले से ही नोएडा प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ के साथ-साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के छह अन्य उच्च पदस्थ पूर्व अधिकारियों की जांच कर रहा है, जिन्हें आम्रपाली मनी लॉड्रिंग मामले में इस साल जनवरी में एजेंसी द्बारा तलब किया गया था। यही नहीं, ईडी की जांच के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अन्य पूर्व अधिकारियों में दो ओएसडी और तीन महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के एक एजीएम रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। उनमें से कुछ के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।

अधिकारियों द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच कर सकता है ईडी

सुपरटेक द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के अलावा, उस दौरान नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्बारा अर्जित वित्त और संपत्ति की जांच भी कर सकता है। जांच के बाद ही सरकारी राजस्व के नुकसान का आकलन किया जा सकेगा।

दोनों टावरों में बनाए गए है 950 से ज्यादा फ्लैट

एमराल्ड कोर्ट मामले में शीर्ष अदालत ने दोनों टावर को तीन माह में गिराने का आदेश दिया है। प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। उच्च न्यायालय की ओर से स्टे लगाने के पहले 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है।



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Raghvendra Prasad Mishra

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