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Noida Supertech Emerald Case: एफएआर बढ़ाने के लिए तीन बार ट्विन टावरों के प्लान को किया गया रिवाइज

सुपरटेक ने जीएच-04 सेक्टर-93ए में जिस स्थान पर टावर-16 व 17 का निर्माण कराया वह ग्रीन बेल्ट है। प्राधिकरण चाहता तो इस भूमि का भू-प्रयोग बदलकर यहा नियमानुसार इमारत का निर्माण की अनुमति दे सकता था।

Deepankar Jain
Published on: 3 Sep 2021 5:59 PM GMT
The plan of twin towers was revised three times to increase the FAR
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नोएडा सुपरटेक एमराल्ड: फोटो- सोशल मीडिया

Noida Supertech Emerald Case: सुपरटेक ने जीएच-04 सेक्टर-93ए में जिस स्थान पर टावर-16 व 17 का निर्माण कराया वह ग्रीन बेल्ट है। प्राधिकरण चाहता तो इस भूमि का भू-प्रयोग बदलकर यहा नियमानुसार इमारत का निर्माण की अनुमति दे सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। महज मानहतों की जेब भरने के लिए तीन बार फ्लोर की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट को रिवाइज किया गया। दो बार में करीब 23 करोड़ पहली बार में 8 करोड़ व दूसरी बार में 15 करोड़ रुपए (ऑन रिकार्ड) देकर परचेबल एफएआर खरीदा गया। यहा प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट की ऊचाई को नो लिमिट रखा। इमारत की स्वीकृत ऊचाई 121 मीटर रखी गई।

सुपरटेक एमराल्ड को 23 नवंबर 2004 को सेक्टर-93 ए में 48263 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया गया। 21 जून 2006 को प्राधिकरण ने 6556.51 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया। इस दौरान सुपरटेक को 1.5 एफएआर दिया गया। नियमता सिर्फ नए अलाटी को ही 2 से 2.75 एफएआर दिया जा सकता था। 19 नवंबर 2००9 को सुपरटेक के कहने पर दूसरी बार प्लान को रिवाइज करते हुए उसने 1.5 एफएआर का 33 प्रतिशत खरीदा। यानी अब एफएआर 1.995 हो गया। यह एफएआर उसने 8 करोड़ रुपए में खरीदा। 26 नवंबर 2009 को प्राधिकरण ने एमराल्ड कोर्ट का दूसरा रिवाइज प्लान स्वीकृत कर दिया।

बिल्डर ने दो बार में 23 करोड़ देकर खरीदा 1.5 से 2.75 एफएआर

ऐसा होने के साथ ही बिल्डर ने घर खरीददारों के समक्ष टी-16 टावर में ग्राउंड प्लस 11 और ग्राउंड प्लस 1 शापिंग कांप्लेक्स के स्थान पर दोनों टावरों में ग्राउंड प्लस 24 फ्लोर के साथ 73 मीटर ऊचाई का नया प्लान प्रस्तुत किया। इसी तरह सुपरटेक ने तीसरी बार परचेज एफएआर के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया।

तीसरी बार में खरीदारों को दिखाया गया 40 मंजिला टावर का सपना

प्राधिकरण ने तीसरा रिवाइज प्लान पास कर दिया। इसके तहत दोनों टावरों को ग्राउंड प्लस 24 से बढ़ाकर 40 फ्लोर का कर दिया गया। साथ की इसकी ऊचाई 121 मीटर तय की गई। 25 अक्टूबर 2०11 को सुपरटेक ने 15 करोड़ देकर परचेबल एफएआर खरीदा। यानि एफएआर 1.995 से 2.75 कर दिया गया। एफएआर खरीदा गया और अधिकारियों की जेब भरती चली गर्इ।

इन सुविधाओं को भी गया था जोड़ा

अलग से प्रवेश और निकासी, स्वीमिंग पूल, क्लब और बेसिक सुविधाएं यही नहीं एक बाउंड्री वाल का निर्माण कराया जाएगा जोकि दोनों टावरों को अन्य टावरों से अलग करेगा।

कैसे होता है भू-प्रयोग में बदलाव

भू- प्रयोग में बदलाव के लिए जमीन का साइट निरीक्षण किया जाता है। इसके बाद बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव लाया जाता है। इसके बाद प्रेस विज्ञप्ति के जरिए आपत्ती मांगी जाती है। निस्तारण के बाद दोबारा बोर्ड के समक्ष लाया जाता है। वहा से पास होने के बाद एनसीआर प्लानिंग बोर्ड और शासन के पास भेजा जाता है। वहा से अनुमति मिलने के बाद इसे लागू किया जाता है।

Shashi kant gautam

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