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Noida Today News: सुपरटेक मामले में बड़ी खबर, 12 अधिकारी जिम्मेदार
Noida Today News: नोएडा प्राधिकरण (noida pradhikaran supertech case) ने इस मामले में नियोजन विभाग के 12 अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार माना है।
Noida Today News: सुपरटेक बिल्डर द्वारा जमीन कब्जाने के मामले में नोएडा प्राधिकरण ने जांच पूरी कर ली है। नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले में नियोजन विभाग के 12 अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार माना है। इनमें सीएपी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर से कार्रवाई होगी।
31 अगस्त को उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने पूरे प्रकरण की जांच की। जांच के दौरान ड्रोन से सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परियोजना मामले का सर्वे किया गया। सर्वे में सामने आया कि यहां पर बिल्डर ने आवंटित जमीन के अलावा करीब 7 हजार वर्ग मीटर में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है।
यहां बिल्डर ने चारदीवारी कर पार्क बना उसमें गेट खोल रखा था। इसके अलावा खेलकूद के लिए कोर्ट बना रखे थे। वही इससे सटी परियोजना के एटीएस बिल्डर ने यह जमीन छोड़ दी थी। ऐसे में इस पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा शासन ने नोएडा प्राधिकरण को दिया। इस बीच प्राधिकरण ने ग्रीन बेल्ट की जमीन को बिल्डर से वापस ले लिया।
अब नोएडा प्राधिकरण ने मामले की जांच कर शासन को भेज दी है। रिपोर्ट में हर अधिकारी व उसके जरिए बरती गई लापरवाही को उजागर किया है। इसमें नियोजन विभाग के 12 अधिकारी शामिल हैं। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि नक्शा पास करने के बाद नियोजन विभाग ने यह जमीन सिविल विभाग को नहीं सौंपी थी।
तत्कालीन अधिकारी बिल्डर पर पूरी तरह मेहरबान रहे। जमीन मिलने के बाद सिविल विभाग को चारदीवारी करनी थी। ऐसे में सिविल व उद्यान विभाग की इस जमीन से संबंधित कोई जिम्मेदारी सामने नहीं आई। नियोजन विभाग के अधिकारियों ने अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करते समय कब्जे वाली ग्रीन बेल्ट की जमीन को नजरअंदाज कर दिया।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नियोजन विभाग के जिन 12 अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, उनमें ऋतुराज व्यास, ए के मिश्रा, राजपाल कौशिक, त्रिभुवन सिंह, टीएन पटेल, वीए देवपुजारी, प्रवीण श्रीवास्तव, अनीता, मुकेश गोयल, , विमला सिंह है। इनके अलावा दो अधिकारियों की मौत हो चुकी हैं।
इसमें वहीं अधिकारी शामिल हैं जिनके खिलाफ विजिलेंस में मामला दर्ज हो चुका है और कुछ निलंबित हो चुके हैं। वर्तमान में नोएडा प्राधिकरण में इनमें से कोई अधिकारी कार्यरत नहीं है। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि जिन अधिकारियों के नाम इस प्रकरण में आए हैं, उससे पहले किसी अन्य प्रकरण में सभी अधिकारियों का नाम सामने नहीं आया था। किसी एक या दो का किसी मामले में संलिपत्ता हो, इसकी जानकारी नहीं है।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इस ग्रीन बेल्ट के नीचे 15 मीटर की गैस की लाइन भी थी। यहां बिल्डर को जमीन 2004 में आवंटित की गई थी, उसी दौरान से यह लाइन थी। इसके बावजूद प्राधिकरण अधिकारी बिल्डर से जमीन को नहीं छुड़ा सके।