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Supertech Emerald Case: ये नौ फाइलें खोलेंगीं एमराल्ड में अनियमितता की पोल, छह फाइल टावर और तीन हैं कोर्ट से संबंधित
सुपरटेक एमराल्ड मामले में एसआईटी ने जांच प्रक्रिया को बढ़ा दिया है। मंगलवार को टीम के सभी सदस्य प्राधिकरण में मौजूद रहे। नियोजन विभाग से एमराल्ड की नौ फाइलों को मंगवाया गया।
Supertech Emerald Case: सुपरटेक एमराल्ड मामले में एसआईटी (SIT) ने जांच प्रक्रिया को बढ़ा दिया है। मंगलवार को टीम के सभी सदस्य प्राधिकरण में मौजूद रहे। नियोजन विभाग से एमराल्ड की नौ फाइलों को मंगवाया गया। यह वही फाइलें हैं जिनमें 2004 में आवंटन 2009 व 2012 में किए गए रिवाइज प्लान का नोटिफिकेशन है। इनमें तीन फाइल अदालत की कार्यवाही व अब तक किए गए जजमेंट से संबंधित हैं। इनको आधार बनाकर ही जांच की जा रही है।
इन्ही फाइलों से ही बिल्डर व प्राधिकरण की ओर से की गई की अनियमितता का पुलिंदा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जाएगी। सोमवार को नियोजन विभाग की ओर से पीपीटी प्रेजेंटेशन तैयार करने का निर्देश दिए गए थे। उसी से संबंधित फाइलों को भी आज मंगवाया गया था। हस्ताक्षर मिलान व बिल्डिंग बॉयलॉज यानी एनबीआर 2006 के वायलेशन को भी देखा गया। इस दौरान जो कर्मचारी व अधिकारी इनमे लिप्त थे उनकी एक सूची भी तैयार की गई।
प्राथमिक जांच से कराया जाएगा मिलान
मामले में प्राधिकरण ने अपने स्तर पर एक जांच समिति बनाई थी। इसकी लीड अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कर रही थी। जिन्होंने एक रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी थी। इसमें कुल 8 नामों का खुलासा किया था। जिसमे इंजीनियरिंग, नियोजन विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया गया। एसआईटी भी इस जांच रिपोर्ट का मिलान कर रही है। ताकि इन लोगों को शह देने वाले अधिकारियों तक पहुंचा जा सके।
बढ़ सकता है जांच का समय
मामले की जांच कर रही टीम शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके लिए टीम को एक सप्ताह का समय दिया गया है। जांच की समय सीमा को बढ़या जा सकता है। मंगलवार को एसआईटी के दो और सदस्य पहुंचे। एसआईटी में जो दो और सदस्य हैं। इनमें पंचायतराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और यूपी के ग्राम एवं नगर नियोजक अनूप कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। सही मायने में पूरे प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी में तकनीकी रूप से जानकारी रखने वाले सदस्य ग्राम एवं नगर नियोजक अनूप कुमार श्रीवास्तव हैं। पूरे मामले में उनकी जांच और अध्ययन महत्वपूर्ण साबित होंगे। सही मायने में अनूप कुमार श्रीवास्तव को ही इस पूरे मामले की जांच करनी है।