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Tokyo Paralympics: टोक्यो में शुरू हुए पैरालंपिक में देश की निगाहें गौतमबुद्व नगर के डीएम पर

Tokyo Paralympics: टोक्यो में शुरू हुए पैरालंपिक की शुरूआत होने के बाद 2007 के आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई बैडमिंटन सिंगल्स में भाग लेने वाले पहले ऐसे खिलाडी है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shweta
Published on: 24 Aug 2021 5:31 PM GMT
आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई
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आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई (फोटो सोशल मीडिया)

Tokyo Paralympics: टोक्यो में शुरू हुए पैरालंपिक की शुरूआत होने के बाद 2007 के आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई बैडमिंटन सिंगल्स में भाग लेने वाले पहले ऐसे खिलाडी है जिन्होंने अपने खेल से दुनिया में भारत का नाम बढाया है। आज से शुरू हुए पैरालांपिक को लेकर अब पूरे देश की निगाहें उन पर लगी हैं। यह प्रतियोगिता पांच सितम्बर तक चलेगी। भारत के अभियान की शुरूआत 27 अगस्त से होगी।

इससे पहले सुहास 2017 में टोकियो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रह चुके हैं। यहीं नही 2016 में चीन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पुरूषों का एकल खिताब जीत चुके हैं। 2018 में एशियन पैरा गेम्स में भी कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं।कर्नाटक के सिमोगा जिले के रहने वाले सुहास एलवाई गौतमबुद्व से पहले प्रयागराज, आजमगढ, सोनभद्र, महाराजगंज, हाथरस में डीएम की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश से इकलौते बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनका बचपन से ही खेलों के प्रति विशेष लगाव था। पहले वह क्रिकेट के शौकीन थें पर बाद में खेलों के प्रति उनका यह शौक बैडमिंटन में बदल गया। सॉफ्टवेयर इंजीनियर से आईएएस अफसर बने सुहास को शानदार और ईमानदार अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। बेहद संघर्षशील जीवन बिताने वाली ऋतु सुहास के पास कभी अखबार खरीदने तक के पैसे नही होते थे, लेकिन आज पति पत्नी दोनों अपने कड़े परिश्रम के चलते आराम से जीवन बिता रहे हैं।

सुहास एलवाई देश के बेहतरीन और ईमानदार अधिकारियों में जाने जाते हैं। 2017 में वाराणसी में हुए नेशनल टूर्नामेंट में उन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी। इस चैंपियनशिप में उन्होंने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। 2016 में बीजिंग में हुए एशियन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उन्होंने भारत का परचम लहराया था। तब सुहास ने फाइनल में इंडोनेशिया के हरे सुशांतो को हराकर गोल्ड मेडल जीता था। सुहास पैर से विकलांग हैं उसके बावजूद उन्होंने दुनिया भर के सामने अपने हौसले की मिसाल कायम की। 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुहास को यशभारती सम्मान से नवाज़ा था। सुहास एलवाई की पत्नी ऋतु सुहास भी पीसीएस अधिकारी हैं।

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