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NCW को मिली राजकीय बालिका गृह में अनियमितताएं, मामला बताया गंभीर

Admin
Published on: 13 April 2016 2:58 AM GMT
NCW को मिली राजकीय बालिका गृह में अनियमितताएं, मामला बताया गंभीर
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लखनऊ: मोतीनगर के राजकीय बालिका गृह में बुधवार को नेशनल कमीशन फॉर वीमेन ( एनसीडब्ल्यू ) की तीन सदस्यीय टीम ने लड़कियों के प्रेग्नेंट होने के मामले की जांच की। उन्होंने Newztrack.com को बताया कि मामला जितना दिख रहा है, उससे भी ज्यादा गंभीर है। यहां पर अनियमितता पाई गई है। इसकी आयोग जांच करेगा।

लड़कियों के खिलाफ चल रही है कैंपेन

-वीमेन कमीशन की मेंबर रेखा शर्मा ने बताया कि बालिका गृह में प्रेग्नेंट लड़की के खिलाफ और दूसरी लड़कियों को भड़काया जा रहा है और उसे निकालने के लिए लड़कियों के हस्ताक्षर भी लिए जा रहे हैं।

-उन्होंने बताया कि उन्हें पता है ये सब कौन कर रहा है जल्द ही उसके खिलाफ वो एक्शन लेंगी।

-बाल गृह में सिर्फ बच्चियां रहती हैं। इसी वजह से उन्हें यहां आने से रोका भी गया था, लेकिन जांच में पता चला कि यहां पर 30 लड़कियां ऐसी हैं, जिनकी उम्र 18 साल से ऊपर है।

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कराएंगी शादी

-जो लड़की प्रेग्नेंट है उसकी शादी के लिए उसके और उसके बॉयफ्रेंड के एक एप्लीकेशन पर हस्ताक्षर ले लिए गए हैं, जिसमें लिखा है कि वो अपनी मर्जी से एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं।

एक साल पहले भी लगाईं थी अर्जी

-नाम ना छापने की शर्त पर लड़के ने बताया कि उसने लड़की से शादी करने के लिए एक साल पहले भी लेटर दिया था, लेकिन उन्होंने उसपर कोई भी एक्शन नहीं लिया था।

-उसने बताया कि उसे अभी भी डर है कि उससे शादी हो पाएगी या नहीं।

करेंगे काउंसलिंग

-सीडब्ल्यूसी के मेंबर अंशुमली शर्मा ने बताया की लड़कियों की काउंसलिंग की जाएगी, जिसमें तीन महिला सदस्य शामिल रहेंगी।

-अगर काउंसलिंग के बाद भी लड़की शादी के लिए तैयार है तो लड़के की जांच के बाद दोनों की धूमधाम से शादी कर दी जाएगी

मेडिकल जांच पर साधी चुप्पी

-बिना मेडिकल जांच के दो लड़कियों को अफरा-तफरी में रायबरेली भेज देने की बात पर पहले तो अंशुमली शर्मा ने कहा कि लड़कियों की जांच करके ही उन्हें रायबरेली भेजा गया था। लेकिन फिर उन्होंने खुद कहा कि आप लोग क्या जानना चाहते हो कि वो लड़कियां प्रेग्नेंट तो नहीं है? रायबरेली में मेडिकल जांच होने के बाद सब पता चल जाएगा।

-अगर यहां मेडिकल जांच होने के बाद ही उनको रायबरेली भेजा गया है तो वो लड़कियां प्रेग्नेंट हैं या नहीं इस बात की जानकारी के लिए रायबरेली के जांच की रिपोर्ट का इंतजार क्यों करें इस सवाल के उठते ही उन्होंने चुप्पी साध ली।

टीम में शामिल सदस्य और लीगल कंसलटेंट

-एनसीडब्ल्यू की तीन सदस्यीय टीम में वीमेन कमीशन की मेंबर रेखा शर्मा, रेनू भाटिया और एक लीगल कंसलटेंट अवनि बाहरी शामिल हैं।

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क्या है मामला?

-पिछले सप्ताह राजधानी के मोतीनगर बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली एक लड़की के प्रेग्नेंट होने का मामला सामने आया।

-उसे तबियत बिगड़ने पर डफरिन हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

-जांच के दौरान पता चला कि लड़की प्रेग्नेंट है। इसके बाद बालिका संरक्षण गृह में हड़कंप मच गया।

-अभी यह मामला शांत पड़ा नहीं था कि बीते बुधवार को जांच के दौरान दो और युवतियों के प्रेग्नेंट होने की मेडिकल रिपोर्ट्स सामने आई।

रिपोर्ट के बाद मचा हड़कंप

-दोनों संवासिनियों को बरेली महिला संरक्षण गृह से कुछ दिन पहले ही लखनऊ ट्रांसफर किया गया था।

-इस प्रकरण के सामने आने के बाद बाल आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह ने सभी संवासिनियों की मेडिकल जांच के आदेश दिए थे।

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