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UP NEET Admission Fraud: बिना नीट BAMS, BHMS और BUMS में मिला दाखिला! केंद्र की चिट्ठी के बाद हड़कंप
UP NEET Admission Fraud: केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने यूपी आयुष विभाग को पत्र लिख बिना NEET में शामिल हुए दाखिला मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद हड़कंप मचा है।
UP NEET Admission Fraud: क्या बिना NEET उत्तीर्ण किए किसी को मेडिकल कोर्सों में दाखिला मिल सकता है? जवाब होगा नहीं। मगर, उत्तर प्रदेश में ऐसा हुआ है। जब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) दिए बिना ही करीब एक हजार विद्यार्थियों को बीएएमएस (BAMS), बीयूएमएस (BUMS) और बीएचएमएस (BHMS) कोर्सों में दाखिला दे दिया गया। इस बाबत केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) की ओर से एक पत्र यूपी के आयुष विभाग को भेजा गया है। जिसमें मामले की जांच के बाद रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय की इस चिट्ठी के बाद हड़कंप मचना तय था। हुआ भी वही। अब विभाग के अफसरों के चेहरे देखने लायक हैं। टीओआई खबर की मानें तो इस मामले की गुपचुप तरीके से पड़ताल जारी है। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र (Minister Dayashankar Mishra) का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि, होम्योपैथी (Homeopathy), आयुर्वेद (Ayurveda) और यूनानी के स्नातक पाठ्यक्रम (Unani Bachelor's Course) में दाखिले के लिए आयुर्वेद निदेशालय (Directorate of Ayurveda) ही काउंसलिंग प्रक्रिया करवाता रहा है। वर्ष 2016 से पहले BAMS, BUMS, और BHMS कोर्सों में दाखिले के लिए राज्य अलग से परीक्षाएं आयोजित करवाता था। मगर, 2016 में इन कोर्सों में दाखिले के लिए भी NEET को अनिवार्य कर दिया गया।
काउंसलिंग एजेंसी और निजी कॉलेजों में साठगांठ !
बता दें कि, NEET मेरिट के हिसाब से पहले MBBS सीटों पर दाखिले दिए जाते हैं। जिन अभ्यर्थियों का MBBS में चयन नहीं होता है, वैसे कैंडिडेट BAMS, BUMS और BHMS कोर्सों में दाखिले के लिए काउंसलिंग करवाते हैं। इस वर्ष भी 27 जनवरी को इन तीनों कोर्सों की सीटें काउंसलिंग के जरिए भरने के आदेश जारी किए गए थे। जिसके लिए मार्च-अप्रैल में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी भी हो गई। टीओआई की रिपोर्ट की मानें तो काउंसलिंग प्रक्रिया से जुड़े आयुर्वेद निदेशालय के लोगों तथा काउंसलिंग एजेंसी की साठ-गांठ से कई निजी कॉलेजों ने ऐसे अभ्यर्थियों को दाखिला दिया, जिन्होंने NEET दिया ही नहीं था।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
हुआ यूं कि, इस बार काउंसलिंग के बाद कुछ कैंडिडेट ने फर्जीवाड़े की शिकायत की। शिकायतकर्ताओं ने कम्प्लेन राज्य के आयुष विभाग तथा आयुर्वेद निदेशालय में की थी। मगर, अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। शिकायत पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया गया। कार्रवाई न होता देख शिकायतकर्ताओं ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय में अपनी शिकायत दी। जब केंद्र से इस संबंध में पत्र भेजा गया तो आयुष विभाग के अधिकारी असहज हो गए। बताया जाता है, मामले की गुपचुप जांच भी शुरू हो गई। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ने बताया कि, अधिकारियों ने तब ध्यान नहीं दिया और केंद्र की चिट्ठी पड़ी रही।