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ख़बर पढ़कर चौंक जाएगें आप, चाय विक्रेता की आय है एक करोड़ 90 लाख रूपए सालाना
सुल्तानपुर: योगी राज में सरकारी तंत्र में बैठे ऊपर से नीचे तक बैठे लोग अजब-गज़ब कारनामें करके सरकार की खूब किरकिरी करा रहे है। सरकार इनके आगे बेबस और लाचार है, बस अपनी साख बचाने के लिए ट्रांसफर या निलंबन की कार्यवाही कर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। अब लम्भुआ तहसील के राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के कारनामें को ही देख लीजिए। एक विकलांग युवक जो चाय की दुकान चलाता है राजस्व अधिकारियों ने उसका जो आय प्रमाण पत्र जारी किया वो पूरे एक करोड़ 90 लाख रूपए सालाना आमदनी का।
क्या है पूरा मामला
जिला मुख्यालय से क़रीब 22 किलोमीटर की दूरी पर जौनपुर रोड पर लम्भुआ तहसील बनी है। तहसील क्षेत्र के चांदा थाना अंतर्गत कोइरीपुर के रामनगर वार्ड निवासी रामजी के पिता सत्यनारायण का करीब आठ साल पूर्व देहांत हो चुका है। रामजी विकलांग हक़ और गांव में ही चाय की छोटी सी दुकान चलाता है तो उसकी मां कागज़ के ठोगे बनाती है। तब कहीं जाकर परिवार का गुज़ारा हो पाता है। अब आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जब मां-बेटे की आमदनी का जरिया इस प्रकार है तो वो साल में कितना बचा पाते होंगे।
हाल ही में रामजी को किसी आवश्यक कार्य के लिए आय प्रमाण पत्र की ज़रुरत आन पड़ी तो उसने तहसील में आवेदन किया। आवेदन प्रक्रिया के बाद क्षेत्रीय लेखपाल ने उसकी माह की आय सोलह लाख तेरह हज़ार तीन सौ पचास रूपए और सालाना आय एक करोड़ तिरानबे लाख साठ हजार दो सौ रूपए दर्शा दिया।
यह वही आय प्रमाण पत्र है जिस पर एक करोड़ 90 लाख रुपये सालाना वक्य दर्शाया गया है
ऐसे हैं अधिकारी तो कैसे होगा जनता का भला
आपको बता दें कि इस तरह के समस्त प्रमाण पत्रों पर क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट पर क़ानूनगो की हस्ताक्षर होती है फिर तहसीलदार प्रमाण पत्र जारी करता है। लेकिन यहां क्षेत्रीय लेखपाल ने जो रिपोर्ट बनाकर भेजी शायद उसी पर आंख बंद कर क़ानूनगो ने साइन कर डाला। हद तो तब हो गई जब तहसीलदार लम्भुआ ने भी बगैर देखें भाले साइन कर 9 अगस्त को प्रमाण पत्र जारी कर दिया। फिलहाल मामले में डीएम विवेक कुमार ने जांच कराकर कार्यवाही की बात कही है।