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नेपाली बारिश और बैराज खोलने से घाघरा उफनाई, बाढ़ से घिरे कई गांव
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अपने कंधों पर अपने आशियाने लेकर भागते लोग
बहराइच: नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते घाघरा उफना गई है। महसी के छह गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। 35 हजार की आबादी इसकी चपेट में है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के लाल निशान से महज नौ सेंटीमीटर दूर रह गई है। उधर कैसरगंज में भी तटवर्ती गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं।
खतरे के निशान के करीब
-एक तरफ बहराइच में बारिश के लिए लोग तरस रहे हैं, तो दूसरी तरफ नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते घाघरा उफान पर है।
-केंद्रीय जलायोग संस्थान घाघराघाट के मापक जगदीश साहनी के मुताबिक 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से नदी के जलस्तर बढ़ रहा है।
-अलग-अलग तीन बैराजों गिरिजापुरी, बनबसा और शारदा बैराज से नदी में 3 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ दिया गया है।
-इससे शुक्रवार सुबह तक बाढ़ की स्थिति और भयावह होने के संकेत मिल रहे हैं।
-एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर 105.986 मीटर मापा गया। यह जलस्तर खतरे के निशान से महज नौ सेंटीमीटर नीचे है।
गांवों में मची अफरातफरी
-लाल निशान की ओर बढ़ रही उफनाई घाघरा नदी से महसी तहसील के निचले इलाके में बसे कायमपुर, कोरिनपुरवा, गोलागंज टेपरी, जरमापुर, शुकुलनपुरवा और कायमपुर गांव में पानी घुस गया है।
-गांव में बाढ़ का पानी घुसने से अफरातफरी मची हुई है। महसी के अलावा कैसरगंज के गोड़हिया, जरवल के सुंदरलालपुरवा में भी बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। इन गांवों की लगभग 35 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।
-जरवल विकास खंड अंतर्गत सुंदरलालपुरवा-पुरैनी मार्ग पर भी बाढ़ का पानी उफनाने की संभावना है।
राहत व्यवस्था नहीं
-इस संकट के बीच अभी तक राहत और बचाव के उपाय नहीं किए गए हैं। आपदा कर्मी भी महसी नहीं पहुंचे हैं।
-इन हालात में सवाल उठ रहे हैं कि बाढ़ में फंसे लोग आपात स्थिति में सुरक्षित कैसे निकल सकेंगे?
आगे देखिए उफनाई घाघरा से मची अफरा तफरी की तस्वीरें...
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