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एनईआर रेलवे की अच्छी पहल, सरकारी काम मातृभाषा में हो तो बेहतर
लखनऊ : भारतीय रेलवे देश की एक मजबूत कड़ी है। समय बदलने के साथ ही रेलवे के हालात में सुधार है। नरेंद्र मोदी ने देश का पीएम बनते ही स्वच्छता पर जोर दिया। उनके सफाई अभियन में रेलवे ने खूब भागीदारी की और उसका असर आज हमारी ट्रेनों में दिख रहा है। ट्रेनों में सफाई पहले से अच्छी है। इन्हीं सब के बीच लखनऊ मंडल का एनईआर रेलवे भारत की मातृभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ा रहा है। मण्डल के कार्यालयों एवं स्टेशनों पर हिन्दी पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में 22 दिसंबर (शुक्रवार) को पूर्वोत्तर रेलवे के कार्यान्वयन समिति’ की वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही बैठक कर हिन्दी के प्रयोग एवं प्रगति की समीक्षा की गई।
डीआरएम को पसंद है सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रयोग
एनईआर रेलवे की डीआरएम विजय लक्ष्मी कौशिक चाहती है कि दफ्तरों में काम के दौरान हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि हिन्दी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना हमारे संवैधानिक दायित्व के साथ नैतिक दायित्व भी है। इसके अलावा राजभाषा के अधिनियम धारा 3(3) के अर्न्तगत आने वाले सभी प्रलेख मुख्य रूप से हिन्दी तथा अंग्रेजी द्विभाषी हो।
कठिन हिंदी शब्दों से बचें
एडीआरएम मुकेश ने कहा कि सरकारी काम काज में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग में कठिन हिन्दी के शब्दों से बचते हुए हर संभव सरल,सहज तथा आम बोल चाल के शब्दों तथा वाक्यों का ही प्रयोग किया जाय तो बेहतर है। सरल शब्दों का चयन करने से कहने की तथ्य स्पष्ट होता है।
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को अप्रैल-सितम्बर छमाही (2017-18) अवधि मे राजभाषा के प्रयोग-प्रसार में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रथम पुरस्कार स्वरुप स्मृति-चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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