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नई शिक्षा नीति: शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की कवायद, छात्रों को मिलेगी ये सुविधा

डिप्टी सीएम डॉ. शर्मा ने बताया कि आज उच्च शिक्षा विभाग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के मध्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति टास्क फोर्स के सदस्यो की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है।

Roshni Khan
Published on: 5 Feb 2021 11:18 AM IST
नई शिक्षा नीति: शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की कवायद, छात्रों को मिलेगी ये सुविधा
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नई शिक्षा नीति: शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की कवायद, छात्रों को मिलेगी ये सुविधा (PC: social media)

लखनऊ: बेरोजगारी की समस्या के निबटने के लिए देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति को अब प्रदेश मे लागू कराने की कवायद शुरू हो गयी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार एक समिति का गठन करने जा रही है जो इसके क्रियान्वयन का काम करेगी।

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केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम चलाई जा रही है

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम चलाई जा रही है जिसमें वह सभी सरकारी एवं प्राईवेट इकाईयां जिनमें 30 से अधिक कर्मी है, वो अपने मैन पावर संख्या के 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अप्रेटिंस या इन्टर्न रखने के लिए बाध्य है। अप्रेन्टिस कर्ता को मानदेय का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जायेगा। भुगतान राशि में 1500 रूपयें की क्षतिपूर्ति केन्द्र सरकार करेगी इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए 1000 रूपये की अतिरिक्त धनराशि की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा। इन्टर्नशिप की अवधि 6 माह से 3 वर्ष तक की हो सकती है।

उद्योग एवं विश्वविद्यालय देश के सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा

डिप्टी सीएम डॉ. शर्मा ने बताया कि आज उच्च शिक्षा विभाग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के मध्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति टास्क फोर्स के सदस्यो की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके तहत उद्योग एवं विश्वविद्यालय देश के सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा। विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा अनुसंधान औद्यौगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होगा। एमओयू0 होने के उपरान्त छात्रों को वास्तविक जीवन की औद्योगिक समस्याओं पर काम करने का अवसर मिलेगा। छात्रों को इंटर्नशिप के माध्यम से कार्य करने का अवसर मिलेगा।

21 फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाया जायेगा

डॉ दिनेश शर्मा की एक बैठक में कहा गया कि बोर्ड परीक्षा वर्ष में केवल एक बार ही हो और विद्यार्थियों को अंक बढोत्तरी के लिए आगामी वर्ष की बोर्ड परीक्षा के साथ पुनः अवसर दिया जाये। उन्होने कहा कि आगामी 21 फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस अवसर पर मातृ भाषा से सम्बधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

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छात्र एवं छात्राओं को बेसिक शिक्षा बेहतर ढंग से प्रदान की जानी चाहिए

राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास अतुल कोठारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर कहा कि छात्र एवं छात्राओं को बेसिक शिक्षा बेहतर ढंग से प्रदान की जानी चाहिए और यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि छात्र की रूचि किस क्षेत्र में है उसको उसी क्षेत्र की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए जिससे वह उस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें और अपना विकास कर सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला ने बताया कि पाठयक्रम में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था आदि सहित अन्य कार्यों की तैयारी किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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