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UP News: पेपर लीक रोकने के लिए फुलप्रूफ इंतजाम, शासन ने जारी किया नया आदेश

UP News: उत्तर प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक रोकने के लिए नया शासनादेश जारी किया गया है। इसके अनुसार अब प्रतियोगी परीक्षाओं को कराने में चार एजेंसियों की मदद ली जाएगी।

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Newstrack Network
Published on: 22 Jun 2024 10:42 AM IST (Updated on: 22 Jun 2024 11:02 AM IST)
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सीएम योगी। (Pic: Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहे पेपर लीक मामले में योगी सरकार नए कदम उठा रही है। पिछले कुछ परीक्षाओं के लीक होने के बाद युवाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सरकार ने एक दिन पहले परीक्षा केंद्रों को लेकर आदेश जारी किया था। केंद्रों को लेकर आदेश के बाद एक और शासनादेश जारी किया गया है। इसके अनुसार प्रश्नपत्र संबंधी अलग-अलग कार्यों के लिए चार अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही पांच लाख से ज्यादा परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा कराई जाएगी। केंद्रों का चयन डीएम की अध्यक्षता में किया जाएगा।

इस तरह काम करेंगी एजेंसियां

चयन आयोग औ बोर्ड परीक्षा का संपूर्ण कार्य अब एक ही एजेंसी को नहीं दिया जाएगा। अब हर कार्य के लिए अलग-अलग एजेंसियों का चयन किया जाएगा। प्रश्नपत्र तैयार करने, छपवाने व कोषागार में पहुंचाने के लिए एक एजेंसी को चुना जाएगा। ये एजेंसी इसके अलावा कोई काम नहीं करेगी। दूसरी एजेंसी का काम प्रश्नप्तत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, केंद्रों की सभी व्यवस्था और परीक्षा के बाद ओएमआर शीट पहुंचाना होगा। वहीं परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के लिए तीसरी एजेंसी का सहयोग लिया जाएगा। चौथी एजेंसी का काम ओएमआर सीट स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर उपलब्ध कराना होगा।

दो से अधिक होगी पेपर सेट की संख्या

नकल पर लगाम लगाने के लिए शासन ने पेपर सेट की संख्या में बदलाव करने का आदेश दिया गया है। अब हर पाली में दो से अधिक पेपर सेट होंगे। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई का काम अलग-अलग एजेंसियां करेंगी। कौन सा प्रश्न पत्र उपयोग में आएगा इसका फैसला परीक्षा के पांच घंटे पहले किया जाएगा। सभी सेट के अंतर्गत प्रश्न पत्र के अलग-अलग क्रमांक होंगे। अगल-बगल बैठे परीक्षार्थियों के प्रश्न पत्र भी अलग-अलग होंगे।

परीक्षा केंद्रों को सख्त निर्देश

कल जारी हुई एक नीति में परीक्षा केंद्रों को सख्त निर्देश दिया गया है। इसके अनुसार अब उन्हीं केंद्रों पर परीक्षा होगी जो शहर की आबादी के अंदर होंगे। साथ ही उन केंद्रों तक पहुंचने के लिए स्टेशन से साधन की व्यसस्था होगी। इन निर्देशों के अलावा मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया है। नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि परीक्षा उन्हीं केंद्रों पर हो जहां पीने का पानी, शौचालय और भवन की बाउंड्रीवाल मौजूद हो। इसके अतिरिक्त बिजली औज जेनेरेटर की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। सबसे महत्तवपूर्ण बात ये कि इन केंद्रों पर सीसीटीवी चालू हालत में होना चाहिए।

डीएम की अध्यक्षता में होगा केंद्र का चयन

परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। केंद्रों के श्रेणी-ए और श्रेणी-बी में बांटा गया है। श्रेणी-ए में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, राज्य व केंद्र के विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों को रखा गया है। श्रेणी-बी में इसी श्रेणी के ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न एडेड स्कूलों को कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा। ब्लैकलिस्टेड या विवादित स्कूल कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा।



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Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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