×

Protein Chana: मछली और पनीर से ज्यादा इस चने में प्रोटीन, डाइट वालों के लिए बेस्ट

Protein: 15 साल की रिसर्च के बाद यह सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च वर्ष 2009 में शुरू की थी।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 10 July 2024 10:50 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 6:40 PM IST)
Protein Chana
X

Protein Chana

Protein Chana: प्रोटीन से भरपूर कंचन में स्वाद के साथ-साथ सेहत भी बेहतर रहेगी। इस नई प्रजाति के काबुली चने में सामान्य मछली और पनीर से ज्यादा प्रोटीन है। तापमान के बढ़ने और घटने का भी इस दलहन के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। किसानों की आय बढ़ाने का अहम स्रोत भी माना जा रहा है। भारत सरकार की ओर से भी इसपर मुहर लगा दी गई है। आकर्षक रंग वाला कंचन बड़े आकार का है और पूरी तरह रोगमुक्त है।

भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर (आईआईपीआर) के वैज्ञानिक डॉ. योगेश तिवारी व उनकी टीम को 15 साल की रिसर्च के बाद यह सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च वर्ष 2009 में शुरू की थी। डॉ. योगेश तिवारी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग से तापमान तेजी से बढ़ रहा है। मई और जून में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है तो फरवरी में भी पारा 35 डिग्री को पार कर रहा है। ऐसे में अधिक तापमान के कारण काबुली चने की वर्तमान प्रजाति का उत्पादन तेजी से घट रहा था। मगर, कंचन प्रजाति को अधिक तापमान को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। फरवरी माह में 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पहुंचने पर भी कंचन प्रजाति की फसल को न तो रोग लगेंगे और न ही उत्पादन या गुणवत्ता में कमी आएगी।

22 फीसदी प्रोटीन

डॉ. योगेश तिवारी ने बताया कि इस चने में 22 फीसदी प्रोटीन है। सामान्यत: काले चने में 17 और काबुली चने में 20 फीसदी प्रोटीन होता है। वहीं 100 ग्राम मछली में 18-20 ग्राम और सौ ग्राम पनीर में 15 से 18 ग्राम तक ही प्रोटीन मिलता है।

रोग मुक्त और आकर्षक रंग है कंचन का

काबुली चना की प्रजाति कंचन लगभग पूरी तरह रोगमुक्त है। इससे किसानों को कीट या रोग के हमले से होने वाले नुकसान से हानि नहीं होगी। वहीं, कंचन प्रजाति के चने का आकार बड़ा और रंग आकर्षक है। जो किसानों को बाजार में अच्छी कीमत दिलाएगा। यह फसल 130 से 135 दिन में तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक है।

राष्ट्रीय चेक में 15 फीसदी मिला अधिक उत्पादन

कंचन ने उत्पादन में भी वर्तमान प्रजातियों को पीछे छोड़ दिया है। डॉ. योगेश के मुताबिक प्रमाणिकता मिलने से पहले राष्ट्रीय चेक में वर्तमान प्रजातियों के मुकाबले कंचन ने 15 फीसदी अधिक उत्पादन दिया है। साथ ही प्रोटीन की मात्रा भी अन्य से अधिक 22 फीसदी मिली है।

वैज्ञानिक डॉ. जीपी दीक्षित, निदेशक-आईआईपीआर के अनुसार जलवायु की वर्तमान परिस्थितियों को देखकर दलहन की नई प्रजातियां विकसित कर रहे हैं। काबुली चने की नई प्रजाति कंचन अधिक उत्पादन, प्रोटीन से भरपूर व 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में सुरक्षित रहने वाली है। भारत सरकार ने इसे प्रमाणित कर दिया है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

Next Story