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सिक बिल्डिंग सिंड्रोम को दूर कर रहा है माई गमला का न्यू स्टार्ट अप

 शहर में बढ़ते हुए प्रदूषण और उससे होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए माई गमला ने नया स्टार्ट अप लखनऊ में लांच किया है जो कि मुख्यता नासा के शोध पर आधारित है।नासा ने एसोसिएट लैंडस्केप सोसाइटी ऑफ़ अमेरिका के साथ में एक शोध किया जिसमें नासा ने पौधों और मनुष्यों के बीच में बढ़ती दूरी को कम करने का प्रयास किया है।

Anoop Ojha
Published on: 30 Jan 2019 6:37 PM IST
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम को दूर कर रहा है माई गमला का न्यू स्टार्ट अप
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लखनऊ: शहर में बढ़ते हुए प्रदूषण और उससे होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए माई गमला ने नया स्टार्ट अप लखनऊ में लांच किया है जो कि मुख्यता नासा के शोध पर आधारित है।नासा ने एसोसिएट लैंडस्केप सोसाइटी ऑफ़ अमेरिका के साथ में एक शोध किया जिसमें नासा ने पौधों और मनुष्यों के बीच में बढ़ती दूरी को कम करने का प्रयास किया है। इसी शोध को माई गमला ने अपना बिज़नेस मॉडल बना के ग्रीन गिफ्टिंग और ग्रीन आइडियाज और सस्टेनेबल पर्यावरण को एक ब्रांडिंग करने का एक बेहतरीन काम किया है।

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कंपनी की को फाउंडर वर्षा श्रीवास्तव हैं, उन्होंने यह अवगत कराया कि आज कल शहरीकरण की वजह से लोग प्लांट्स से दूर होते जा रहे हैं और इसी दूरी को भरने तथा उसके बारे में लोगों को बताने का काम हम लोगों ने शुरू किया है। आज कल 30से 40 % घरों में पुअर वेंटिलेशन के कारण लोग सिक बिल्डिंग सिंड्रोम का शिकार हो जाते हैं। सिक बिल्डिंग सिंड्रोम में घरों में गैसों का आदान प्रदान न होने की वजह से होता है और यह उन लोगों को प्रभावित करता है जो ज्यादा समय घरों की दीवालों में बंद रहते है जैसे बच्चे, महिलाये, बुजुर्ग। इस सिंड्रोम की वजह से बिना किसी कारण आपको चक्कर आना, जी मचलाना , थकावट, सर का दर्द करना और श्वसन रोग इत्यादि शामिल है। यह रोग घर बदलने या घर के अंदर का पर्यावरण बदलने से ठीक हो जाता है। इस रोग को कम करने के लिए माई गमला ने नासा सर्टिफाइड प्लांट्स को हर घर में पहुंचाने का काम गिफ्ट के माध्यम से करने का प्रयास किया है।

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1 सिक बिल्डिंग सिंड्रोम और प्लांट्स

2 ऑनलाइन प्लांट शॉपिंग www mygamla com

3 ग्रीन गिफ्टिंग

4 सस्टेनेबल एनवायरनमेंट पर शिक्षा

Mygamla गिफ्टिंग की अवधारणा को आगे लाने और बढ़ावा देने के लिए में संस्था है - "गिफ्ट अ प्लांट"। एक पौधे को उपहार देने की अवधारणा इस उद्यम के लिए एड्रेनालाईन थी। यह विचार बुके और अन्य नीरस, पारंपरिक उपहारों को जीवित पौधों के साथ बदलने का था।

अपनी अवधारणा के बाद से, माईगामला ने न केवल उपहार देने के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, बल्कि लोगों को अपने ब्रांड के विपणन और ग्रीन मार्केटिंग और गिफ्टिंग के साथ नए स्तरों पर ले जाने का तरीका भी बदल दिया है।

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माइगामला के पीछे के दिमाग और युवा हाथ, जोशीले पेशेवरों की एक टीम है, जिसकी लीडरशिप सत्यदेव श्रीवास्तव करते है। इन्होने प्लांटेशन मैनेजमेंट की पढाई करके टाटा ग्लोबल और ओलम इंटरनेशनल के साथ में देश और विदेशों में कॉफ़ी और मसालो की प्लांटेशन 10 साल तक काम किया है।

सत्यदेव ने बताया की हम यह सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता पर जोर देते हैं कि हम आपको सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले नवीनतम उत्पाद प्रदान करते हैं। हमारी टीम, जो बागवानी के प्रति उत्साही हैं, यह सुनिश्चित करती है कि बाहर जाने वाला हर उत्पाद विश्व स्तर के गुणवत्ता मानकों से मेल खाता हो। बिक्री के बाद अपने प्लांट्स का पोषण करने और उसके रख रखाव में भी पूरी मदद करते हैं।

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निरंतर कदम उठाते हुए माईगामला की टीम ,हर सीजन में नए, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद लाती है। यह जापान से विदेशी बोनसाई हो या थाईलैंड से लकी बैम्बू या फिर चीन और अन्य साउथ ईस्ट एशियाई कंट्री से फोलिएज प्लांट्स हो।

घरों, कार्यालयों और अन्य स्थानों में , घरों को हरियाली और नरम स्थान बनाने में माईगामला सफल रही हैं घरों में शांति का वातावरण बना रहे हैं और पॉजिटिव एनर्जी को घर की अंदर ला रहे है।

सत्यदेव ने ने बताया कि हम लोग अपने उत्पाद का विपणन लखनऊ, कानपुर, बनारस और इलाहाबाद में बिग बाजार,इजी डे और स्पेंसर्स के साथ कर रहे है।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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