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सैंक्चुरी को करीब से निहार सकेंगे पर्यटक, बन रहे हैं नदी तट पर नए थारूहट
इन थारूहटों के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। 26 जनवरी के आसपास इनके पूरा हो जाने की उम्मीद है। इन पर लगभग 50 लाख की लागत आएगी। सैंक्चुरी में थारूहट गेरुआ नदी के तट पर बन रहे हैं। ऐसे में पर्यटक यहां ठहर कर जंगल के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकेंगे।
बहराइच: कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। थारूहट की डिमांड को देखते हुए पांच नए हट गेरुआ सफारी परिक्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। इनके पूरा होने में अभी दो महीने का वक्त लगेगा। 26 जनवरी के आसपास पर्यटक इन थारूहटों में ठहर सकेंगे।
पर्यटकों का आकर्षण
-कतर्नियाघाट रेंज बाघ, तेंदुए और हाथियों का विचरण क्षेत्र माना जाता है।
-इसके चलते आने वाले पर्यटक कतर्नियाघाट रेंज के जंगली और नदी तट पर विश्रामगृहों में ठहरने की इच्छा रखते हैं।
-लेकिन रेंज में सिर्फ दो थारूहट यानी प्राकृतिक विश्रामालय थे। एक ककरहा और दूसरा कतर्नियाघाट रेंज में।
-थारूहट की कमी के कारण इसमें ठहरने की पर्यटकों की इच्छा अधूरी रह जाती थी।
मिले नए थारूहट
-डिमांड को देखते हुए वन विभाग ने पांच नए थारूहट निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है।
-इन थारूहटों के निर्माण का कार्य महीने पर पहले गेरुआ सफारी परिक्षेत्र में शुरू हो चुका है।
-26 जनवरी के आसपास इनके पूरा हो जाने की उम्मीद है। नए थारू हट के निर्माण पर लगभग 50 लाख की लागत आएगी।
-सैंक्चुरी के प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि थारूहट गेरुआ नदी के तट पर बन रहे हैं।
-ऐसे में पर्यटक यहां ठहर कर जंगल के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकेंगे।
सभी सुविधाएं
-डीएफओ के अनुसार थारूहट में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी।
-इनमें, बेडरूम और सोफा के साथ ही बिजली और पानी की व्यवस्था रहेगी।
-पास में संचालित कैंटीन के माध्यम से भोजन और नाश्ते का प्रबंध होगा।
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