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Newstrack Ki Khabar Ka Asar: नवदीप रिनवा बने यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी
Newstrack Ki Khabar Ka Asar: न्यूजट्रैक ने छह अक्टूबर को यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में एक साल से पूर्णकालिक एमडी नहीं, जानें क्या है वजह शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर यह मुद्दा उठाया था। जिसके बाद नवदीप रिनवा को निगम का एमडी बनाया गया है।
Newstrack Ki Khabar Ka Asar: न्यूजट्रैक ने छह अक्टूबर को यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में एक साल से पूर्णकालिक एमडी नहीं, जानें क्या है वजह शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर यह मुद्दा उठाया था। आज भारत सरकार (Bharat Sarkar) से वापस प्रदेश लौटे नवदीप रिनवा (IAS 1999) (Navdeep Rinwa) उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) एमडी बना दिये गए हैं। परिवहन निगम (Parivahan Nigam) के अधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि नए एमडी (Parivahan Nigam Ke Naye MD) कल अपना कार्यभार संभालेंगे।
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जानें क्या है पूरा मामला
बता दें यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में पिछले करीब के साल से एमडी की तैनाती नहीं की गई थी। जिस कारण निगम में महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसले नहीं हो पा रहे थे। यही नहीं बिना प्रबन्ध निदेशक (एमडी) के यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की हालत यह हो गई है कि कलपुर्जों से लेकर टायर तक की कमी से प्रदेश के सभी रीजन हलकान हैं। रोडवेज की कमाई का पीक भी सीजन आ चुका है, लेकिन आए दिन बसों के टायर धोखा दे रहे हैं। इससे यात्री भी इन बसों में सफर करने से डरने लगे हैं।
दरअसल, जुलाई 19 में यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के प्रबंध निदेशक के पद पर डॉ.राजशेखर की तैनाती की गई थी। करीब साल भर बाद ही सितम्बर २० मध्य में उनकी कानपुर मंडल के कमिश्नर पद पर तैनाती कर दी गई। जबकि परिवहन आयुक्त धीरज साहू (Dhiraj Sahu) को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। तब से धीरज साहू ही परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए हैं।
योगी सरकार पर लग रहे थे ये आरोप (Yogi Government Par Aarop)
यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) जैसे महत्वपूर्ण विभाग में राज्य सरकार द्वारा पूर्णकालिक एमडी की तैनाती नहीं किये जाने के कारण निगम कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा था। परिवहन निगम से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने तो इस मामले में राज्य सरकार की नीयत पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया था कि सरकार परिवहन निगम को निजी हाथों में सौंपने का पूरा इरादा बना चुकी है। यही वजह है कि सरकार ऐसे हालात पैदा करने में लगी है ताकि निगम को भारी घाटे में दिखा कर निजी हाथों को सौंपा जा सके। यही वजह है कि परिवहन निगम को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि परिवहन निगम में पिछले एक साल से पूर्णकालिक एमडी तक की तैनाती नहीं की गई है।
बहरहाल, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में एमडी की तैनाती का परिवहन निगम से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के मेरठ से जुड़े नेता राजीव त्यागी कहते हैं, डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है बावजूद इसके परिवहन निगम ने पिछले डेढ़ साल से अपनी बसों का किराया नहीं बढ़ाया है। अगर परिवहन निगम बसों का किराया बढ़ा दें तो निश्चित तौर पर निगम के बजट में और भी सुधार हो जाएगा। लेकिन पूर्ण कालिक एमडी नहीं होने की वजह से यह बात ऊपर सरकार तक तक नही पहुंच पा रही थी लेकिन अब पहुंच सकेगी।
यात्रियों के किराए से चलता है UPSRTC का काम
बकौल राजीव त्यागी, यात्रियों के किराए से ही यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) का काम चल पाता है। इनमें बसों के रख-रखाव से लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन और भत्ते के अलावा बिजली के खर्चे और अन्य खर्चे भी शामिल होते हैं। वर्तमान में रोडवेज की आय का काफी हिस्सा महंगे ईंधन पर ही खर्च हो रहा है। डीजल की बढ़ती कीमतें रोडवेज के बस संचालन को महंगा कर रही हैं। इसी किराए से ही परिवहन निगम प्रशासन यात्रियों को बस स्टेशन पर यात्री सुविधाएं भी प्रदान करता है। इनमें स्टेशन पर साफ-सफाई, हवा और पानी की खास तौर पर व्यवस्था की जाती है।
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