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आजमगढ़ में डटे निरहुआ विधानसभा चुनाव की तैयारी

raghvendra
Published on: 28 Jun 2019 1:59 PM IST
आजमगढ़ में डटे निरहुआ विधानसभा चुनाव की तैयारी
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संदीप अस्थाना

आजमगढ़: अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सियासत के मैदान में उतरे भोजपुरी सिने स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ परिपक्व राजनेता नजर आ रहे हैं। आजमगढ़ सीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी निरहुआ मजबूती के साथ जिले में जमे हुए हैं। वे कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और उनके सुख-दुख में शरीक हो रहे हैं। निरहुआ ने चुनाव हारने के तत्काल बाद ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका लक्ष्य अमेठी की तरह आजमगढ़ फतह करने का है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से कांग्रेसियों के अभेद्य दुर्ग अमेठी पर परचम लहराया गया है, उसी तरह से समाजवादियों के इस अभेद्य दुर्ग आजमगढ़ को भी जीत लिया जाएगा।

लोकसभा का चुनाव हारने के बाद निरहुआ ने कार्यकर्ता बैठक भी बुलाई और खुद को मिले ऐतिहासिक मतों के लिए आभार जताया। यह भी कहा कि उन्हें हार के बावजूद जितना मत मिला है, उतना मत आज तक किसी लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ में कोई भाजपा प्रत्याशी नहीं पा सका था। यहां तक कि जितना मत पाकर पिछले लोकसभा चुनाव में सपा के मुलायम सिंह यादव जीते थे, उन्हें उससे भी अधिक मत मिला है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि वे उन्हें जहां भी बुलाएंगे, वे वहां मौजूद रहेंगे। निरहुआ अपने कहे के मुताबिक काम भी कर रहे हैं और आजमगढ़ में निजी मकान बनाने के लिए जमीन भी तलाश रहे हैं। उनकी सक्रियता लगातार बनी हुई है। निरहुआ के करीबी लोगों का कहना है कि इस बार वे आजमगढ़ सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उनका यह भी कहना है कि पार्टी ने इसके लिए अभी से हरी झंडी दे दी है।

जब निरहुआ अनाड़ी राजनीतिज्ञ थे और इस जिले के इतिहास-भूगोल से परिचित नहीं थे, तब उन्होंने लोकसभा चुनाव में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को इतनी कड़ी टक्कर दी। अब तो वह परिपक्व हो चुके हैं और इस जिले के बारे में अच्छी तरह से जान चुके हैं। तमाम लोग सीधे उनसे जुड़ गए हैं। ऐसे में आठ बार से आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट पर काबिज होने के बाद भी कोई विकास कार्य न करने वाले दुर्गा प्रसाद यादव को पटकनी देने में उन्हें कितनी देर लगेगी।

अफसरों को कार्रवाई की चेतावनी

अपने इसी अभियान के तहत शिकायत मिलने पर इसी मंगलवार को निरहुआ उपजिलाधिकारी सदर के साथ आजमगढ़ शहर की बेलइसा मंडी पहुंच गए और वहां गंदगी का अम्बार देख कर मंडी सचिव को जमकर फटकार लगायी। मंडी सचिव ने साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था के लिए निरहुआ से एक पखवारे का समय मांगा है। इसी तरह से भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह भी जनता के बीच बने हुए हैं और प्रशासन से स्पष्ट कहा है कि शासन की प्राथमिकताओं वाले विकास कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।

आजमगढ़ आए सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा कार्यकर्ताओं में एक नयी ऊर्जा संचारित कर गए। उनके आने के बाद से भाजपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं और प्रशासनिक अमले पर नकेल कसने की प्रतिबद्घता दोहरा रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को निर्देशित करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि वह गांव-गांव में लग जाएं और विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी नजर रखें।

किसी भी स्थिति में आम आदमी के हित में काम होना चाहिए। यह दायित्व मिलने के बाद से कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के जाने के बाद से ही अधिकारियों, कर्मचारियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है और कहने लगे हैं कि इस सरकार में अधिकारियों, कर्मचारियों को जन भावनाओं के अनुरूप काम करना होगा। ऐसा न होने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

योगी के तेवर से हरकत में प्रशासन

मंडलीय समीक्षा बैठक में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त तेवर दिखने के बाद प्रशासनिक अमला भी हरकत में आ गया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन का काम दिखाई पडऩे लगा है। निर्माण कार्यों में तेजी आई है और फाइलों का निपटारा भी तेजी से किया जाने लगा है।

शौचालयों की स्थिति जांची जा रही है। स्थितियां यह रही कि मंगलवार को मंडलायुक्त के निर्देश पर अधिकारियों ने एक साथ 54 विभागों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान 133 अधिकारी-कर्मचारी अनुपस्थित मिले। मंडलायुक्त ने इनका एक दिन का वेतन काटने के साथ ही इनसे स्पष्टीकरण मांगा है। सब मिलाकर योगी की समीक्षा बैठक के बाद प्रशासन भी एक्शन में आ गया है।

योगी पर समय देकर न मिलने का आरोप

योगी के आगमन पर विपक्षी दलों ने उन पर परंपराएं न निभाने का आरोप लगाया। वजह यह रही कि समय देने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी विपक्षी दलों के नेताओं से नहीं मिले। इसे लेकर बीते सोमवार को सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने प्रेस वार्ता की और कहा कि इंस्पेक्टर एलआईयू ने 22 जून को मोबाइल से सूचना दी कि 23 जून को मुख्यमंत्री ने 11 बजे जन प्रतिनिधियों से मिलने का वक्त दिया है। उक्त समय पर आप लोग आने का कष्ट करें,लेकिन उस कार्यक्रम में विरोधी दल के नेताओं को नहीं जाने दिया गया। प्रशासन का यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है।

हम लोग जनहित व कानून व्यवस्था के मसले को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे। देवारांचल में विगत दो वर्षों से घाघरा नदी की कटान के कारण बहुत से लोग बेघर हो गये। इस समय बरसात के मौसम में यदि नदी बढ़ी व कटान शुरू हो गयी तो हजारों लोग बेघर व बिना खेती के हो जायेंगे। यदि उसकी रोकथाम के उपाय नहीं हुए तो जनता का बड़ा नुकसान होगा। सरकार को इसकी चिन्ता नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार में हुए विकास कार्य अवरूद्ध हंै। विद्युत कटौती सेे किसान व जनता बेहाल है। अस्पताल में दवा नहीं है। जनपद में कानून व्यवस्था खराब हो गयी है। यह बात मुख्यमंत्री ने स्वयं कही। पिछड़ों,दलितों व अल्पसंख्यकों को धर्म व जाति पूछकर पुलिस उत्पीडऩ कर रही है। अब दमन व उत्पीडऩ की चरम सीमा होने पर समाजवादी पार्टी धरना व प्रदर्शन पर मजबूर होगी। जनता को न्याय दिलाने के लिए पार्टी संघर्ष करेगी।

योगी की समीक्षा बैठक के बाद एक्शन में भाजपाई

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंडलीय समीक्षा बैठक के बाद भाजपा की हनक सेे प्रशासनिक अमला काफी हलकान है। पार्टी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह व लोकसभा के प्रत्याशी रहे भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ तो पहले से ही प्रशासन की नकेल कसे हुए हैं। दोनों विकास कार्यों को लेकर दबाव बनाए हुए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ऐसा लग रहा था कि जिले में भाजपा का मजबूत अस्तित्व नहीं है। वजह यह कि पार्टी के कार्यकर्ता खामोशी अख्तियार किए हुए थे।

केवल पार्टी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह व निरहुआ शुरू से ही मजबूती के साथ जनता के बीच बने हुए थे। अभी हाल ही में निरहुआ ने शिकायत मिलने पर जिला अस्पताल चेक किया और अस्पताल प्रशासन को काफी फटकार लगायी। साथ ही यह चेताया कि मरीजों को किसी भी कीमत पर कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और उन्हें हर सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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