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नोएडा में बंद हो सकती है सिटी बस सेवा, संचालन पर रोक की बड़ी वजह ये...
प्रबंधन सिटी बस सेवा संचालन किसी भी दिन बंद करने का औपचारिक ऐलान कर सकता है। इसके संकेत मिलने लगे है, क्योंकि प्रबंधन अब सिटी बस संचालन के मूड में नहीं है।
नोएडा: राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अवार्ड विजेता नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की सिटी बस सेवा अपना कार्यकाल (10 वर्ष संचालन का अनुबंध) पूरा करने से पहले धड़ाम (तीन वर्ष) हो चुकी है। किसी भी दिन प्रबंधन सिटी बस सेवा संचालन बंद करने का औपचारिक ऐलान कर सकता है। इसके संकेत मिलने लगे है, क्योंकि प्रबंधन अब सिटी बस संचालन के मूड में नहीं है।
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कंपनी के अब तक नहीं दिए गए 8 करोड रुपए
वहीं प्रबंधन ने अब 15 जनवरी 2016 को सिटी बस संचालन के लिए किये गए एमओयू को कटघरे में खड़ा कर संसेशनल एग्रीमेंट बता दिया है, जिसके बाद नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। हालांकि चयनित कंपनी सिटी बस संचालन शुरू करने और पुराना भुगतान करीब आठ करोड़ करने के लिए सौ से अधिक पत्र एनएमआरसी प्रबंधन को लिख चुकी है, लेकिन प्रबंधन की ओर से काेई भी जवाब नहीं दिया गया है।
उल्टा चयनित कंपनी को आठ सितंबर को एनएमआरसी प्रबंधन की ओर से सड़क पर सिटी बस बिना इजाजत उतारने का नोटिस थमा दिया गया है। जिसका जवाब कंपनी ने प्रबंधन को दिया है कि 29 मई को सिटी बस संचालन की मॉकड्रिल करने को आप की ओर से पत्र लिखा गया था, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार की ओर से मेट्रो व अन्य ट्रांसपोर्ट सुविधाओं को शुरू करने का आदेश आने वाला है, ऐसे में अपनी तैयारी पूरी रखें, जिससे शार्ट नोटिस में सिटी बस का संचालन कराया जाा सके। उसी तैयारी के तहत सिटी बस संचालन का मॉकड्रिल किया गया है।
संसेशनल एग्रीमेंट की बात खड़ा किया सवाल
मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलमेंट (एमओयूडी) का ग्रास क्रॉस कांट्रेट माडल के आधार पर दिल्ली सहित देश के 36 शहरों में सिटी बस सेवा का संचालन हो रहा है। इसमें वायवेल गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत कमाई और खर्च के बीच का अंतर संबंधित सरकार या वह एजेंसी वहन कर रही है, जिसकी ओर से सिटी बस सेवा संचालन का अनुबंध किया गया है। एनएमआरसी का अनुबंध भी इसी पर मॉडल पर आधारित है, इसमें 100 सिटी बसे (प्रीमियम सिग्मेंटेड ट्रू लो फ्लोर) संचालन 10 वर्ष के लिये निर्धारित किया गया।
अनुबंध का खाका एनएमआरसी प्रबंधन ने ही तैयार किया गया, इसकी तमाम बारीरिकयों को एनएमआरसी की कंसलटेंट कंपनी अर्बन मास ट्रांसिट कंपनी लिमिटेड (यूएमटसी) ने देखा। इसके बाद ओपन बिड के तहत एम्पायर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड का चयन हुआ। इसमें कंपनी को 99.60 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान करने पर सहमति बनी। चयनित कंपनी को दस वर्ष की समय अवधि के लिए 100 बस खरीदाने, उसका संचालन, बसों का मेटीनेंस, कंप्लायंस, ड्राइवर खर्च, फ्यूज खर्च समेत अन्य की जिम्मेदाारी दी गई। लेकिन फेयर कलेक्शन एनएमआरसी प्रबंधन ने ही करने का निर्णय लिया।
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किसने क्या कहा ?
एग्रीमेंट का प्रस्ताव एनएमआरसी प्रबंधन की ओर से तैयार कराया गया। इसमें राज्य व केंद्र के तमाम अधिकारी समेत दो वरिष्ठ आइएएस शामिल रहे। यह अनुबंध तीन वर्ष बाद संसेशनल एग्रीमेंट कैसे हो सकता है।
-करतार सिंह, जनरल मैनेजर, एम्पायर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड
एनएमआरसी की सिटी बस का संचालन होगा या नहीं, इसका कोई निर्णय उच्चाधिकारियों की ओर से नहीं लिया गया है।
-संध्या शर्मा, उपमहाप्रबंध, कारपोरेट कम्यूनिकेशन, एनएमआरसी
यह है सिटी बस सेवा योजना की रूपरेखा
सिटी बस अनुबंध 15 जनवरी 2016
संचालन शुरू 14 दिसंबर 2016
संचालन कंपनी को दिया जाने वाला भुगतान 99.60 रुपये प्रति किलोमीटर
बस संख्या- 100 बस संचालन (संचालन सिर्फ 50 बस का हुआ)
दस वर्ष का वीजीएफ- 1100 करोड़ रुपये
प्रति माह बिलिंग- तीन करोड़ रुपये
एनएमआरसी सिटी बस सेवा को मिला अवार्ड
1-कनाडा में मिला पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्ट्रर्जी अवार्ड
2-बस आपरेटर ओनर्स ऑफ इंडिया की ओर से हैदराबाद में बेस्ट इनोवेटिव का अवार्ड
रिपोर्ट: दीपांकर जैन
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