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UP Weekend Curfew: बढाई जाएंगी सख्तियां, लेकिन नहीं लगेगा वीकेंड कर्फ़्यू, CM योगी की बैठक ख़त्म
UP Weekend Curfew: कोरोना के बढ़ते मामले और वीकेंड कर्फ़्यू को लेकर देर रात टीम-9 के साथ ख़त्म हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक में इस मुद्दे को लेकर किसी तरह की सहमति नहीं बन सकी।
UP Weekend Curfew: उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर चल रही वीकेन्ड कर्फ्यू को को लेकर चल रही संभावनओं को लेकर राज्य सरकार ने कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है। इसे लेकर कुछ पाबंदिया जरूर लगाई जा सकती है। उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस के 992 नये मामले सामने आये हैं। इसके अलावा, कोविड़-19 के नये वैरिएंट 'ओमिक्रोन' के 18 नये केस भी सामने आ गये हैं। जिससे पूरे यूपी में इस तरह की ख़बरें आ रही थी कि यहां पर भी वीकेंड कर्फ़्यू लगाया जाएगा। लेकिन, देर रात टीम-9 के साथ ख़त्म हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक में इस मुद्दे को लेकर किसी तरह की सहमति नहीं बन सकी। वहीं, जानकारी के अनुसार- कोरोना गाइडलाइंस में कुछ परिवर्तन होंगे।
यूपी में कोरोना को लेकर निर्देश
कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार पैनल से परामर्श के आधार पर व्यापक जनहित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों में अनावश्यक पैनिक न हों, उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है।
कक्षा 10 वीं तक के सभी शासकीय व निजी विद्यालयों में मकर संक्रांति तक अवकाश घोषित किया जाए। इस अवधि में उनका टीकाकरण जारी रहेगा। यद्यपि कि वर्तमान में प्रदेश के किसी जनपद में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1000 से अधिक नहीं है। किंतु व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1000 से अधिक हो जाए, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक स्थलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। शादी समारोह व अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता न हो। खुले स्थान पर ग्राउंड की कुल क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोगों के उपस्थिति की अनुमति न दी जाए। मास्क-सैनीटाइज़र की अनिवार्यता रहे। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात 10 से प्रातः 06 बजे तक लागू की जाए। यह व्यवस्था 06 जनवरी, गुरुवार से प्रभावी कर दी जाए।
प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, ऐतिहासिक स्मारक, कार्यालयों, धार्मिक स्थलों, होटल-रेस्त्रां, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील करा दिया जाए। जरूरत के अनुसार डे केयर सेंटर भी स्थापित हों। बिना स्क्रीनिंग/सैनिटाइजेशन के किसी को परिसर में प्रवेश न दें।
कोविड वैरिएंट की पहचान के लिए कराई गई जीनोम सिक्वेसिंग में 23 लोगों में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग और टेस्टिंग कराई जाए। सभी के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए।
20 करोड़ 50 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 36 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। यहां 07 करोड़ 53 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 12 करोड़ 97 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में लगभग 88 फीसदी को पहली और 51 फीसदी को दोनों डोज मिल चुकी है। 03 जनवरी से प्रारंभ हुए 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण में अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है। इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।
टेस्टिंग के महत्व को देखते हुए हर दिन न्यूनतम तीन से चार लाख टेस्ट किए जाएं। निजी प्रयोगशालाओं को कोविड टेस्टिंग के लिए अधिकृत करने से पूर्व उनके पिछले रिकॉर्ड देखे जाएं। क्वालिटी टेस्टिंग अनिवार्य है। हर जिले के नोडल अधिकारी अपने संबंधित जिलों से संवाद करें। हर स्थिति पर सीधी नजर रखी जाए।
प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आइसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं। एम्बुलेंस 24×7 एक्टिव मोड में रहें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का बेहतर उपयोग किया जाए। सीएम हेल्पलाइन से लोगों से संवाद किया जाए।
आस्था के अप्रतिम प्रतीक 'प्रयागराज माघ मेला' में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए। कल्पवासियों सहित सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
नियमों में बदलाव सम्भव है। साथ ही, सख़्तियों को भी बढाया जायेगा। नयी गाइडलाइंस 6 जनवरी से लागू होंगी। जिसका आधिकारिक आदेश कुछ ही देर में जारी कर दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,66,033 सैम्पल की जांच की गयी। जिसमें कोरोना संक्रमण के 992 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 9,36,00,940 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 77 तथा अब तक कुल 16,88,007 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 3173 एक्टिव मामले हैं।
प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल 3 जनवरी, 2022 को एक दिन में 12,23,833 डोज दी गयी। प्रदेश में कल 18 वर्ष से अधिक लोंगों को पहली डोज 12,89,19,556 तथा दूसरी डोज 7,47,46,492 लगायी गयी हैं तथा अब तक 18 वर्ष से अधिक लोगों को कुल 20,36,66,048 डोज दी जा चुकी है। उन्होने बताया कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन प्रारम्भ हो गया है। कल 03 जनवरी को 15 से 18 वर्ष के बच्चों को 1,70,386 वैक्सीन की प्रथम डोज दी गयी है। उन्होने बताया कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों का कोविड टीकाकरण प्रतिदिन किया जायेगा। बच्चों को टीकाकरण के दिन तथा अगले दिन अवकाश की सुविधा प्रदान की गयी है। यदि विद्यालयो में वैक्सीनेशन सेंटर बनाये जाते है तो वैक्सीनेशन के अगले दिन अवकाश दिया जायेगा।
प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोविड के नये वैरिएंट ओमीक्रोन के 18 नये मामले आये है। उन्होने कहा कि सरकारी केन्द्रो पर कोविड की टेस्टिंग व ईलाज निःशुल्क किया जा रहा है। कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नही हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।