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Barabanki: बाराबंकी के सरकारी स्कूल में नहीं चलते पंखे, कुंभकर्णी नींद में सो रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
Barabanki: बाराबंकी जिले में खंड शिक्षा क्षेत्र पूरेडलई के बैसन पुरवा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे इस भीषण गर्मी में पसीने से तरबतर होकर पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं।
Barabanki: उत्तर प्रदेश सरकार का शिक्षा विभाग भले ही छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर कितना भी गंभीर हो। लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है। बाराबंकी जिले में खंड शिक्षा क्षेत्र पूरेडलई के बैसन पुरवा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे इस भीषण गर्मी में पसीने से तरबतर होकर पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। इस विद्यालय में बिजली तो है लेकिन पंखे नहीं हैं, और एक-दो जो पंखे हैं वह चलते नहीं।
जिससे यहां पढ़ने आने वाले बच्चों को भारी परेशानी हो रही है और इस भीषण गर्मी में बच्चे पसीने से तरबतर होकर पढ़ने को मजबूर है। बच्चों को हो रही इस परेशानी को लेकर बाराबंकी का शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे सरकार की मंशा पर पानी जरूर फिर रहा है।
प्राथमिक विद्यालय में अव्यवस्थाओं का अंबार
बच्चों की शिक्षा को लेकर केंद्र और प्रदेश की सरकार कई तरह की योजना चला रही हैं। पिछले दिनों 4 अप्रैल को यूपी सरकार ने सरकारी स्कूलों में शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी।
इसके साथ ही पिछले दिनों योगी सरकार ने बालश्रम उन्मूलन के लिए एक अहम योजना की शुरुआत की है। पढ़ाई लिखाई छोड़कर काम करने के लिए मजबूर बच्चों की खातिर यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत बाल श्रम के जाल में फंसे बच्चों को शिक्षा दिलाना है। ताकि इन बच्चों को शिक्षा के अधिकार के साथ मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
बच्चों की शिक्षा को लेकर चल रही तमाम योजनाओं के बीच अगर उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में देखा जाए तो काफिया व्यवस्थाएं मिल जाती हैं। शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इन अव्यवस्थाओं को जानने के बाद भी नजरअंदाज करते रहते हैं जिससे सरकार की मंशा पर पानी जरूर फिरता रहता है।
ऐसी ही एक तस्वीर बाराबंकी जिले के सामने आई है। यहां खंड शिक्षा क्षेत्र पूरेडलई के बैसन पुरवा गांव बने प्राथमिक विद्यालय में अव्यवस्थाओं का अंबार है।
इस विद्यालय में बिजली होने के बावजूद बच्चे भीषण गर्मी में व्याकुल होते हुए पढ़ने को मजबूर हैं। यहां की प्रधानाध्यपिका बताती है कि बिजली तो है लेकिन पंखे खराब है, जिसकी वजह से वह चलते नहीं।
उन्होंने बताया कि इस विद्यालय से कुछ पंखे चोरी हो गए जिसके बाद अभी वह पंखे नहीं लग पाए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिले के उच्च अधिकारी इस भीषण गर्मी में ऐसी लगाकर अपने कार्यालय में बैठे रहते हैं स्कूल पढ़ने वाले नौनिहालों को क्या परेशानी होती है इससे उनका कोई सरोकार नहीं है।
जब इस समस्या के बारे में यहां पढ़ने आने वाले एक छोटे बच्चे से पूछा गया कि यह पंखा चलता है कि नहीं तो उसने बताया नहीं। जब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा मामला संज्ञान में आया है, मामले की जानकारी नहीं थी इसे तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा। अब देखना यह होगा कि मामला संज्ञान में आने के बाद इस समस्या से छात्र-छात्राओं को कितनी जल्दी निजात मिल पाती।