×

Kushinagar News: आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले सेनानियों का अभी तक नहीं बना स्मारक, अपने ही इलाके में हो गए गुम

Kushinagar News: स्वत्रंत्रता आन्दोलन में अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले कुशीनगर जनपद के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के दो ऐसे स्वतंत्रता सेनानी जो अपने ही इलाकों में गुमनाम हो गए और उनका अब तक स्मारक तक नहीं बन पाया है।

Mohan Suryavanshi
Published on: 8 Aug 2022 9:09 AM GMT
Kushinagar News
X

सुकई पांडेय का स्वतंत्रता सेनानी परिचय पत्र (साभार परिजन)

Kushinagar Freedom Fighters News: आज पूरे देश में स्वाधीनता के 75वी वर्षगांठ धूम की धूम है, और चारों तरफ उत्सव मनाने की ललक दिख रही है। वही जो स्वत्रंत्रता आन्दोलन में अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले कुशीनगर जनपद के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के दो ऐसे स्वतंत्रता सेनानी जो अपने ही इलाकों में गुमनाम हो गए। आज तक इन सेनानियों का स्मारक तक नहीं बन पाया इसको लेकर उनकी परिजनों में मलाल है।

जब गांधीजी की सभा से हुए यह प्रभावित

स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निर्वहन करने वाले कुशीनगर जनपद के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के सुकाई पांडे और सुकाई भगत सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो आंदोलन सहित कई आंदोलनों में भाग लिए थे। नेबुआ नौरंगिया की लौकरिया ग्राम सभा के सुकाई भगत तथा सौरहा खुर्द की सुकई पांडेय ने गांधी जी से प्रभावित होकर कम उम्र में ही स्वतंत्र आंदोलन में हिस्सा लेने लगे। महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह में जाते वक्त नेबुआ नौरंगिया चौराहे पर रुके थे ।वहां उन्होंने एक सभा को संबोधित किया।



ये दोनों नौजवान उसी सभा में गांधी जी के विचारों से प्रभावित हो गए और स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। सविनय अवज्ञा आंदोलन में सुकई भगत को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर अंडमान निकोबार जेल भेज दिया। जहां उन्हें 6 माह तक रखा गया ।वही सुकई पांडेय को 1941 में सत्याग्रह के दौरान अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर कलकत्ता जेल भेज दिया जहां सुकाई पांडेय, सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित होकर आजाद हिंद फौज से जुड़ गए।

आज तक नहीं बनें दोनों सेनानियों का स्मारक

नौरंगिया क्षेत्र के इन दोनों सेनानियों का आज तक कोई स्मारक नहीं बन पाया ।दोनों सेनानियों के निधन के बाद कोई सुध नहीं लिया। चाहे वह जन प्रतिनधि हो या अधिकारी। सेनानी सुकई पांडेय के पौत्र महेंद्र पांडेय ने बताया कि हमारे दादा जी देश की लिए सब कुछ न्यौछावर किए जो गर्व की बात है लेकिन एक बात का मलाल है कि अभी तक उनके नाम से एक स्मारक भी नहीं बन पाया। हालांकि सरकार वर्तमान में गांव में बन रहे अमृत सरोवर का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से करने का आदेश दिया है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

Next Story