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NRHM घोटाला: पूर्व मंत्री अनंत कुमार मिश्रा और उनके माता पिता को HC से राहत नहीं

नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के आरोपी और बसपा सरकार में मंत्री रहे अनंत कुमार मिश्रा उनकी मां विमला मिश्रा और पिता दिनेश चंद्र मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी किए हैं।

tiwarishalini
Published on: 7 Oct 2016 8:43 PM IST
NRHM घोटाला: पूर्व मंत्री अनंत कुमार मिश्रा और उनके माता पिता को HC से राहत नहीं
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इलाहाबाद: नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के आरोपी और बसपा सरकार में मंत्री रहे अनंत कुमार मिश्रा उर्फ अंटू, उनकी मां विमला मिश्रा और पिता दिनेश चंद्र मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी किए हैं।

कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए याचियों को 04 नवंबर 2016 को सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट क्षेत्राधिकार पर उठाए गए सवालों को लेकर दाखिल अर्जी का निस्तारण करें। हाईकोर्ट के इस आदेश से पूर्व मंत्री और उनके माता-पिता की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन ने पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा, उनके माता पिता की याचिका पर दिया है।

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याचिका पर सीनियर एडवोकेट सतीश चंद्र मिश्र और पी चक्रवर्ती ने बहस की। इनका कहना था कि सीबीआई कोर्ट ने पहले दिन ही चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया। याची ने कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर आपत्ति करते हुए अर्जी दाखिल की है। अर्जी की सुनवाई की तिथि 04 नवंबर नियत है। लेकिन कोर्ट ने याची के खिलाफ धारा 82 का आदेश जारी किया है।

सतीश चंद्र मिश्र ने शिवकुमार परिवार केस का हवाला देते हुए कहा कि क्षेत्राधिकार पर आपत्ति अर्जी निर्णीत किए बगैर कोर्ट याची के उत्पीड़न की कार्यवाही नहीं कर सकती। साथ ही अनंत मिश्रा एनआरएचएम विभाग के मंत्री नहीं थे और सीबीआई ने उन्हें फंसाया है।

सतीश चंद्र मिश्र का कहना था कि जहां तक अनंत कुमार मिश्रा के माता पिता का प्रश्न है उन पर घोटाले का आरोप नहीं है। आपराधिक उत्प्रेरण का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि 6 सीएमओ से 22 करोड़ रुपए लेकर माता-पिता की कंपनी में लगाया। जबकि वह कंपनी 50 लाख की भी नहीं है। सीबीआई ने बिना पर्याप्त सबूत के पूरे परिवार को फंसाया है। सीबीआई द्वारा एकत्र साक्ष्यों से इनके विरुद्ध कोई आरेाप नहीं बनता।



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tiwarishalini

tiwarishalini

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