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श्मशान घाट बनेगा कोरोना हाॅट स्पाॅट, अंतिम संस्कार के लिए दिखा ऐसा नजारा
कोरोना की दूसरी लहर ने चारो तरफ हाहाकार मचा दिया है। गाजियाबाद में हिंडन श्मशान घाट पर आजकल काफी दुखद नजारा देखने को मिल रहा है।
गाजियाबादः कोरोना की दूसरी लहर ने चारो तरफ हाहाकार मचा दिया है। गाजियाबाद में हिंडन श्मशान घाट पर आजकल काफी दुखद नजारा देखने को मिल रहा है। यहां पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे,लोग कतार में बैठे हुए दिखाई दिए। इस दौरान श्मशान घाट के परिसर में फुटपाथ पर कतार में शव भी रखे हुए दिखाई दिए। ऐसी ही कतार में रखी हुई लाशों का एक वीडियो वायरल हुआ है।
दरअसल सोशल डिस्टेंसिंग के चलते मोक्ष स्थली पर क्षमता से अधिक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। इसका कारण ये है कि शव के साथ अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष स्थली में प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या को लेकर सावधानी रखी जा रही है। इसी वजह से एक बार में 5 से अधिक शव अगर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते हैं, तो बाकी शवों के साथ उनके परिजनों को कतार में इंतजार करना पड़ता है।
प्रशासन के मुताबिक कोरोना से मौत नहीं
कल शाम तक आई रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने साफ किया है, कि कोरोना से जिले में फिलहाल कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि हिंडन शमशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह पर भी शवों का अंतिम संस्कार करने आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। जानकारी करने पर पता चला है कि कुछ अन्य जिलों के लोग भी हिंडन मोक्ष स्थली पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं। हैरत की बात यह है कि एक बार में कई एंबुलेंस भी हिंडन शमशान घाट पर कतार में खड़ी हुई दिखाई देती हैं। जिनके अंदर डेड बॉडी होती हैं। सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक करीब 14 शव अंतिम संस्कार के लिए खंडन मोक्ष स्थली पर पहुंचे। लेकिन एक बार में सिर्फ 5 शवों के अंतिम संस्कार की इजाजत दी गई है।
क्या कहा मोक्ष स्थल संचालक ने
आपको बता दें कि मनीष पंडित ने कहा कि यह बात भी पूरी तरह से साफ है जब किसी का अपना इस दुनिया से चला जाता है तो वह काफी दुखी होता है। लेकिन एक साथ कई शव जब हिंडन शमशान घाट पर रखे हुए दिखाई देते हैं, तो उसके आसपास उनके परिजनों का जमावड़ा भी होता है। और उस दौरान माहौल काफी गमगीन होता है। दुख में डूबे कई परिवार रोते बिलखते हुए दिखाई देते हैं। ऐसी तस्वीर को शब्दों में तो बयान करना काफी मुश्किल है। लेकिन आप उस समय के भयावह स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। दुख के माहौल में अंतिम संस्कार के लिए किसी अपने केशव के साथ जब कतार में खड़ा होना पड़े,तो उस दर्द से बड़ा दर्द कोई नहीं हो सकता।