×

मुस्लिमों में अखलाक कांड का खौफ? बिसाहड़ा में बकरीद पर नहीं दी गई कुर्बानी

By
Published on: 13 Sep 2016 5:21 AM GMT
मुस्लिमों में अखलाक कांड का खौफ? बिसाहड़ा में बकरीद पर नहीं दी गई कुर्बानी
X

bishada-qurbani बिसाहड़ा में ईद की नमाज अता करते मुस्लिम

नोएडा: ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर बिसाहड़ा गांव के मुस्लिम परिवारों ने इस बार कुर्बानी नहीं दी। ईद के मौके पर गांव केवल नमाज पढ़कर बकरीद मनाई गई। बताते चलें कि बिसाहड़ा कांड को हुए एक साल होने में दो सप्ताह बाकी हैं। सालभर में गांव काफी उथल पुथल के दौर से गुजरा, लेकिन ग्रामीणों ने संयम से काम लिया। घटना के बाद से आज तक गांव में कोई सांप्रदायिक उन्माद नहीं हुआ। हिंदू-मुस्लिम परिवार प्रेमभाव से रह रहे हैं। मंगलवार को बकरीद पर गांव के मुस्लिम परिवारों ने बकरे की कुर्बानी न देने का फैसला लिया है।

अभिषेक यादव, एसपी देहात ने कहा कि गांव में पूरी तरह से शांति का माहौल है। बकरीद के मद्देनजर पुलिस ग्रामीणों से संपर्क में है। मंगलवार को दादरी क्षेत्र के सभी गांव में पुलिस दौरा करेगी।

विवाद न हो इसलिए नहीं दी जाएगी कुर्बानी

मुस्लिम परिवार के लोगों ने कहा कि कुर्बानी पर किसी तरह का विवाद न हो, इसलिए वे बकरे की कुर्बानी नहीं देंगे। गांव में शांति का माहौल है। पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी तक गांव में किसी तरह का अतिरिक्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है। गांव में चौकी इंचार्ज व पांच सिपाही बकरीद पर गांव का सुरक्षा माहौल भापेंगे।

हर साल होती थी कुर्बानी

हाजी दाउद, मौलाना, बिसाहड़ा मस्जिद ने बताया कि बिसाहड़ा गांव में बकरीद पर हर बार छह से सात बकरों की कुर्बानी दी जाती थी। कुर्बानी करने का कोई गांव में विशेष स्थान नहीं है। लोग घरों में ही बकरे की कुर्बानी देते हैं, लेकिन इस बार वे कुर्बानी नहीं देंगे।

क्या कहते हैं हिंदू

गांव के लोगों का कहना है कि दोनों ही समुदाय के लोग आपस में मिलकर त्यौहार मना रहे है। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है। हम लोगों ने कुर्बानी देने से मना नहीं किया। यह उनका खुद का फैसला है। वह चाहें तो कुर्बानी दे सकते हैं।

क्या है पूरा मामला

बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना पर अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। बेटे दानिश को भी पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया था। घटना के बाद अखलाक की पत्नी इकरामन ने 19 युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में एक आरोपी को क्लीन चिट दी थी और 18 आरोपियों को जेल भेजा था। दो नाबालिग आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। घटना के दौरान मौके से मिले मांस के नमूनों को जांच के लिए मथुरा की फॉरेंसिक लैब भेजा गया था, जहां की रिपोर्ट से पुष्टि हुई थी कि अखलाक के घर मिला मांस गोवंश था। लैब की रिपोर्ट आने के बाद बिसाहड़ा गांव के लोगों ने भी अखलाक पक्ष पर गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में हाईकोर्ट ने अखलाक के भाई जान-मोहम्मद को राहत नहीं दी थी।

आगे की स्लाइड्स में देखिए, बिसाहड़ा में ईद की फोटोज

bishada-qurbani

bishada-qurbani3

bishada-qurbani4

bishada-qurbani5

Next Story