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इस गांव में नहीं हो पा रही लड़कों की शादियां, वजह कर देगी आपको हैरान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है खुले में शौच मुक्त भारत का। मगर उत्तर प्रदेश की हालत पर देख कर नहीं लगता कि इस दिशा में कोई काम हो रहा है। यूपी के शाहजहांपुर में एक ऐसा गांव है जहां शौचालय न होने पर गांव के लड़कें की शादियां होना बंद हो गई है।
आसिफ अली
शाहजहांपुर: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है खुले में शौच मुक्त भारत का। मगर उत्तर प्रदेश की हालत देख कर नहीं लगता कि इस दिशा में कोई काम हो रहा है। यूपी के शाहजहांपुर में एक ऐसा गांव है जहां शौचालय न होने पर गांव के लड़कें की शादियां होना बंद हो गई है।
- इस गांव में कोई भी शख्स अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है।
- उसकी वजह है कि इस गांव में सरकार अभी तक एक भी शौचालय नही बनवा पाई है।
- खास बात ये है कि ये गांव मुख्यालय से महज दस किलोमीटर की दूरी पर है।
- उसके बावजूद यहां के हालात ये हैं कि इस गांव मे एक भी शौचालय न होने पर युवकों की शादियां नहीं हो पा रही है।
- ग्राम प्रधान की माने तो इस गांव मे शौचालय न होने पर युवकों के रिश्ते आना बंद हो चुके है।
दरअसल मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर थाना रोजा क्षेत्र मे बसा अटसलिया गांव है। इस गांव की आबादी करीब एक हजार है। और ज्यादातर युवक बेरोजगार है। लेकिन इस गांव का एक सच ऐसा भी है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। वो सच ये है कि इस अटसलिया गांव मे आबादी तो एक हजार है पर इस गांव मे सरकारी शौचालय एक भी नही है। ये तब जब ये गांव मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है।
- शौचालय न होने की मार यहां सबसे ज्यादा उन युवकों पर पड़ रही है जिनकी अब शादी होनी है।
- इस गांव मे शौचालय न होने पर यहां जवान बेटियां बहुएं और मां सभी लोग रेलवे किनारे खुले मे शौच करने को मजबूर है।
- आलम ये है कि अब शौचालय न होने पर इस गांव के युवकों की शादी होना मुश्किल हो रहा है।
- अगर कोई रिश्ता आ भी जाता है तो शौचालय न होने की वजह से दोबारा कोई जवाब नहीं मिलता है।
ग्रामिणों का कहना है कि अगर सरकार इस गांव मे शौचालय बनवा दे तो उनके बेटों की शादियां हो जाएंगी।
- इस गांव की रहने वाली 30 साल की धनवती पत्नी अवधेश दो साल पहले रेलवे किनारे शौच करने गई थी।
- धनवती के देवर सुनील ने बताया कि सुबह के वक्त जब वह शौच करने गई तो वह रेलवे पटरी के पास शौच कर रही थी।
- अचानक ट्रेन आई और उससे घबरा कर उसकी भाभी भागी तो वह ट्रेन की चपेट मे आ गई जिससे उनकी दोनो पैर कट गए थे।
- इतना सब होने पर भी कोई गांव मे एक भी शौचालय नही बना।
ग्राम प्रधान पति इम्तियाज मंसूरी का कहना है कि वह पहली बार प्रधान बने है। इससे पहले के प्रधानों ने शौचालय बनवाने की कोशिश की या नहीं ये उन्हे नही पता है लेकिन अब उनके प्रधान बनने के बाद उन्होंने यहां की सूची डीपीआरओ को दी है। उन्होंने भरोसा दिया कि इस बार इस गांव को पचास शौचालय दिए जाएंगे। साथ ही उनका कहना है कि ये दुर्भाग्य है कि शौचालय न होने से इस गांव के लड़कों की शादियाँ नही हो पा रही है।