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नोएडा प्राधिकरण के लिए थ्री सी परियोजना के बकायेदारों से वसूली करना नहीं होगा आसान

नोटिस के तहत बिल्डर को 15 दिन के अंदर बकाया रकम जमा करने के साथ एक प्रति प्राधिकरण में जमा करने का निर्देश था। चार महीने बीतने के बाद बिल्डर ने बकाया रकम जमा नहीं की। प्राधिकरण ने बताया कि थ्री सी ने अधिकांश मकानों पर कब्जा दिया है लेकिन रजिस्ट्री के साथ प्राधिकरण से प्रमाण पत्र नहीं लिया है।

Aditya Mishra
Published on: 11 Jan 2019 7:54 PM IST
नोएडा प्राधिकरण के लिए थ्री सी परियोजना के बकायेदारों से वसूली करना नहीं होगा आसान
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नोएडा: यमुना विकास प्राधिकरण के थ्री सी परियोजना के आवंटन रद्द करने के बाद नोएडा प्राधिकरण सख्त रूख अपना सकता है। हालांकि आवंटन रद्द करना इसका विकल्प नहीं होगा। इसकी वजह ये है कि यहां थ्री सी परियोजना में बने फ्लैटों में हजारों बायर्स को कब्जा मिल चुका है। ऐसे में बकाया वसूलने के लिए प्राधिकरण दूसरा विकल्प तलाश कर रहा है। बताते चले प्राधिकरण पर थ्री सी का करीब आठ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है।

हालांकि ऐसे बायर्स जिनको अब तक न तो मकान मिला है और न ही बिल्डर द्वारा कोई आश्वासन उन्होंने आवंटन रद्द करने की मांग उठा दी है। यही नहीं प्राधिकरण के विरोध में धरने की तैयारी की जा रही है। प्राधिकरण के बकायदारों की मुख्य सूची में थ्री सी का नाम जुड़ गया है। अब तक सबसे ज्यादा बकायदारों में यूनिटेक करीब 4500 करोड़ ,

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आम्रपाली का करीब 1200 करोड़ और इसके बाद थ्री सी करीब 800 करोड़ रुपए है। प्राधिकरण अपना पैसा वसूलना चाहता है। इसके लिए थ्री सी 23 अगस्त 2018 को अंतिम नोटिस जारी किया था। नोटिस के तहत बिल्डर को 15 दिन के अंदर बकाया रकम जमा करने के साथ एक प्रति प्राधिकरण में जमा करने का निर्देश था। चार महीने बीतने के बाद बिल्डर ने बकाया रकम जमा नहीं की। प्राधिकरण ने बताया कि थ्री सी ने अधिकांश मकानों पर कब्जा दिया है लेकिन रजिस्ट्री के साथ प्राधिकरण से प्रमाण पत्र नहीं लिया है।

ऐसे में यहा लोगों को सुविधाओं का अभाव है। यही कारण है कि आवंटियों की शिकायत पर प्राधिकरण द्वारा बार बार नोटिस जारी किए जा रहे है। लेकिन बिल्डर एक नहीं सुन रहा। ऐसे में यमुना प्राधिकरण द्वारा लिए गए निर्णय ने प्राधिकरण को एक बार चिंता में डाल दिया है। लिहाजा वह बकाया वसूलने के लिए विकल्प की तलाश में जुट गया है। बतौर इसके लिए प्राधिकरण द्वारा विधि से सलाह मशवरा लिया जा रहा है। ताकि बकाया रकम वसूल कर प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति को बेहर कर सके।

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बायर्स ने उठाई एक्शन की मांग

वहीं थ्री सी बिल्डर के बायर्सो ने प्राधिकरण के समक्ष आवाज उठाई कि वह या तो उनका मकान दिलवाए या थ्री से परियोजनाओं का आवंटन रद्य किया जाए। उन्होंने बताया कि इतना करोड़ों का बकाया होने के बाद प्राधिकरण सिर्फ बिल्डर को नोटिस देकर इतिश्री कर रहा है। जबकि अब तक प्राधिकरण को बिल्डर के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

परियोजना (थ्री सी) बकाया

हेसिंडा प्रोजेक्ट प्रा. लि. सेक्टर -107 - 30,34,20,208.00

थ्री सी प्रोजेक्ट प्रा. लि.सेक्टर -168 -204,35,22,185.00

ग्रेनाइट गेट प्रापर्टी प्रा.लि. सेक्टर -110 - 428,02,10,378.00

क्लाउड 9 प्रोजक्ट प्रा.लि. सेक्टर -100 - 42,48,94,057.00

ग्रेनाइट गेट प्रापर्टी प्रा.लि. सेक्टर -100 -139,04,26,088

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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