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नोएडा प्राधिकरण में टालमटोल करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की होगी छुट्टी
केंद्र सरकार की सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश में जीरो जीरो टॉलरेंस नीति लागू कर दी गई है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने 200 से ज्यादा लोगों को समय से पूर्व ही सेवानिवृत कर दिया।
नोएडा: केंद्र सरकार की सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश में जीरो जीरो टॉलरेंस नीति लागू कर दी गई है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने 200 से ज्यादा लोगों को समय से पूर्व ही सेवानिवृत कर दिया।
अब नोएडा प्राधिकरण पर इसकी गाज गिरने वाली है। शासनादेश मिलने के साथ प्राधिकरण में स्क्रीनिंग कमेटी बना दी गई है जो अगले दस दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। एसीईओ को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि सभी विभागाध्यक्ष इसमें शामिल हैं।
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50 पार अफसरों और कर्मचारियों की शुरू
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन ने मुख्य सचिव के आदेशानुसार जीरो टॉलरेंस नीति को लागू कर दिया है। प्राधिकरण में 50 साल की आयु से अधिक वाले अफसरों और कर्मियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।
कार्यों में टालमटोल करने वाले अधिकारी और कर्मचारी, दूसरों के कार्यों में बाधा पहुंचाने वाले अफसर और बिना कारण कामों को रोकने वालों की छुट्टी होना तय मनाना जा रहा है।
सीईओ ने स्क्रीनिंग कमेटी में एसीईओ इंद्र विक्रम सिंह को अध्यक्ष बनाया है जबकि ओएसडी राजेश कुमार और एमपी सिंह सदस्य नियुक्त किये गए हैं।
इसके साथ वित्त नियंत्रक सुधीर सिंह, जीएम सतीश चंद्र गौड़, जीएम केके अग्रवाल और विधि अधिकारी रविंद्र कसाना को सदस्य बनाया गया है।
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कार्यशैली और कार्यालय में उपस्थिति का होगा आंकलन
यह कमेटी सभी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों की कार्यशैली, व्यवहार और कार्यालय में उपस्थिति का आंकलन करेगी। सूत्रों की मानें तो प्राधिकरण में ऐसे कई अधिकारी हैं जो अपना काम समय पर नहीं करते उन सभी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
समिति दस दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यह रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी। यहां से फरमान के बाद टालमटोल करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष एवं एसीईओ, नोएडा प्राधिकरण, इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक जल्द होगी।
इसकी प्रक्रिया की शुरूआत हो गई है और बैठक करके 50 साल से ऊपर के अफसरों और कर्मचारियों की स्क्रीनिंग होगी। इसमें निर्धारित बिंदुओं पर खरा नहीं उतरने वालों की रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंपी जाएगी।