TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Noida News : 2022-23 में 4880 करोड़ रुपए खर्च करेगा प्राधिकरण, साफ-सफाई पर खर्च होंगे 978 करोड़

UP News: नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Development Authority) साल 2022-23 में विकास और योजनाओं पर सर्वाधिक 4579 करोड़ रुपए खर्च करेगा। साथ ही साफ-सफाई पर 978 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

Network
Written By NetworkPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 4 April 2022 9:45 PM IST
Noida Development Authority
X

नोएडा विकास प्राधिकरण (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Noida News: नोएडा प्राधिकरण इस साल यानी 2022-23 वित्तीय वर्ष में 4880 करोड़ रुपए खर्च करेगा। ये रकम सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में संपन हुई बोर्ड बैठक में पास की गई। बैठक में कुल 50 एजेंडों को प्रस्तुत किया गया। जिसमे से अधिकांश पर सहमति बनी। बैठक की अध्यक्षता नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव मित्तल ने की। इसके अलावा मुख्य सचिव अरविंद कुमार ऑनलाइन शामिल हुए वहीं, तीनों प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना विकास प्राधिकरण के अरूण वीर सिंह, ग्रेटर नोएडा के नरेंद्र भूषण और रितु माहेश्वार शामिल हुई।

विकास और योजनाओं पर सर्वाधिक होगा खर्च

नोएडा में विकास और योजनाओं पर सर्वाधिक 4579 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसमे प्रस्तावित योजनाओं को शामिल किया गया है। जिसमे भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ विकास और निर्माण कार्यो के लिए 1530 करोड़ ग्रामीण विकास के लिए 125 करोड़ व शहरी क्षेत्र के अनुरक्षण साफ-सफाई और उद्यानीकरण के लिए 978 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

आईटी और आईटीईएस और औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में संसोधन

सीएजी की आपत्तियों को देखते हुए आवंटन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने हेतु औद्योगिक भूखण्डों व संस्थागत विभाग के आईटी व आईटीईएस भू उपयोग के भूखण्डों के अलग-अलग क्षेत्रफल श्रेणियों में आवंटन की प्रक्रिया ड्रा और साक्षात्कार की बजाए ई ऑक्शन के माध्यम से की जाएगी। साथ ही भूखंड के सापेक्ष देय प्रीमियम का एक मुश्त भुगतान करने पर कुल प्रीमियम पर 2 प्रतिशत की छूट दिये जाने का निर्णय लिया गया।

डीडीए के आधार पर होगी आवासीय भूखंडों का आवंटन

आवासीय भूखण्डों के आवंटन ऑक्शन के अंतर्गत दिल्ली विकास प्राधिकरण में की नीति को अपनाए जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ प्राधिकरण में ब्लड रिलेशन की नीति को विस्तृत करते हुये पिता की मृत्यु हो जाने की दशा में दादा-दादी से पौत्र-पौत्री के पक्ष में ट्रांसफर को ब्लड रिलेशन मानते हुए निःशुल्क किये जाने का निर्णय लिया गया।

बिल्डरों के बकाए को रि-शेड्यूल

भारत सरकार की ओर से ग्रुप हाउसिंग सेक्टर को वित्तीय संकट से उबारने के लिये स्वामीह फंड का गठन किया गया है। प्राधिकरण द्वारा इस फंड के अंगर्तत एसबीआई केप से प्रस्ताव प्राप्त होने पर संबंधित बिल्डर हेतु एसबीआई केप के पक्ष में बंधक अनुमति प्रदान की जाएगी। जिन बिल्डर्स परियोजनाओं में अंतिम भुगतान का समय समाप्त हो गया है उनको प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार अतिदेयताओं के पुर्ननिर्धारण की सुविधा भी अनुमन्य करायी जायेगी ।

उप्र डाटा सेंटर नीति -2021 में संसोधन

शासनादेश के क्रम में उप्र डाटा सेंटर नीति -2021 को पुराने आवंटन पर लागू करने का निर्णय लिया गया। जिन आवंटियों को शासन द्वारा लैटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जायेगा, उन्हें उक्त नीति के अंतर्गत समस्त लाभ प्रदान किये जायेंगे। शासनादेश के क्रम में डाटा सेंटर को आईटी आईटीईएस का अंश मानते हुये डाटा सेंटर हेतु कवर्ड एरिया और एफएआर निर्धारण से पहले जन सामान्य से आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित कर एवं उनका निस्तारण कर संशोधनों को भवन विनियमावली में समाहित किये जाने का निर्णय लिया गया।

समयाबद्ध होगा ग्रामीण आबादी का विनियमितीकरण

ग्रामीण आबादी विनियमितीकरण के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण समयबद्ध रूप से किया जाएगा। इसके लिए आबादी विनियमितीकरण का आवेदक प्राप्त होने के एक माह के भीतर 5(क) समिति की बैठक की जायेगी। इसके 15 दिन के अंदर 5(ख) समिति की बैठक की जायेगी। और आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्तुत कर अनुमोदित कराया जाएगा।

अधिग्रहीत भूमि पर रहने वाले पुश्तैनी व गैरपुश्तैनी का स्वामित्व

ग्रामीण क्षेत्रों की पेरीफेरी के अंदर अधिग्रहीत भूमि पर रहने वाले पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी व्यक्तियों का विनियमन कब्जा दस्तावेज के आधार पर किये जाने से पहले तथ्यात्मक परीक्षण के लिए तीनों प्राधिकरणों के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी स्तर की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया।

कृषकों के पक्ष में लिये गये अन्य निर्णय

आबादी विनियमितीकरण हेतु 450 वर्गमी की वर्तमान अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 1000 वर्गमी प्रति व्यस्क करने संबंधी निर्णय को बोर्ड से अनुमोदित कर शासन को भेजा गया। कृषकों कोआवंटित किये जाने वाले 5 प्रतिशत के भूखण्डों पर व्यवसायिक गतिविधियों की मांग पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जोकि विभिन्न प्राधिकरणों में प्रचलित व्यवस्था एवं प्राविधानों का अध्ययन कर अपनी संस्तुति प्रस्तुत करेगी।

बिल्डर को बायर्स ले लेनी होगी अनुमति

बिल्डर को संशोधित मानचित्र स्वीकृति के समय एवं एफएआर खरीदने के समय बायर्स का सहमति पत्र लेना होगा। क्रय योग्य एफएआर के साथ संशोधित मानचित्र प्रस्तुत किये जाने की स्थिति में डेवलर्स को वर्तमान तिथि के कुल बायर्स में से न्यूनतम 2/3 फ्लैट बायर्स से सहमति पत्र लेना होगा। एफएआर का शुल्क एक मुश्त 30 दिन के अंदर जमा कराना होगा।

अपने खर्चे पर बनाएगा दो मेट्रो को जोड़ने वाला एफओबी

एनएमआरसी सेक्टर-51 मैट्रो स्टेशन (एक्वा लाईन) व डीएमआरसी सेक्टर-52 मैट्रो स्टेशन (ब्लू लाईन) के मध्य फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए कंपनी नहीं आने के चलते अब प्राधिकरण इसका निर्माण खुद करेगा।

नया नोएडा के दायरे के पांच गांव किए गए बाहर

दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन में एसपीए संस्था की रिर्पोट के आधार पर उक्त क्षेत्र के व्यवस्थित नियोजन के लिए 12 अतिरिक्त ग्रामों को अधिसूचित किया गया है वहीं, पूर्व में अधिसूचित 5 ग्रामों को अनाधिसूचित किये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा से लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

प्राधिकरण की 203 वीं बोर्ड बैठक में निविदाओं का निस्तारण लोक निर्माण विभाग की प्रक्रिया अनुसार किये जाने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में प्राधिकरण 01 अप्रैल 2022 से निविदा अनिवार्य रूप से प्रहरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से आमंत्रित की जायेंगी। सेक्टर-123 में पूर्व की प्रस्तावित लैंड फिल साईट को समाप्त करते हुये उक्त भूमि को स्पोर्टस कॉम्पलैक्स के लिए आरक्षित करने एवं स्पोर्टस कॉम्पलेक्स को यथाशीघ्र बनाने का निर्णय लिया गया।

पूर्व में जिस स्थल पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित किया गया था, उसके स्थान पर पर्यावरण परीक्षण कराने के उपरान्त उच्च तकनीक के कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट परियोजना लाने पर सैद्धान्तिक सहमति बनी।

जनपद की बहुमंजिली इमारतों में आग बुझाने के लिए हाईड्रोलिक प्लेटफार्म खरीदने के लिए नोएडा प्राधिकरण 6.00 करोड़ की धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया गया।

सेक्टर -151A निर्माणाधीन अंतराष्ट्रीय गोल्फ परियोजना हैलीपोर्ट परियोजना में तकनीकी एवं सुरक्षा कारणों से लेआउट में परिवर्तन के कारण परियोजना के क्षेत्रफल को पूर्व में अनुमोदित 120 एकड़ के स्थान पर 128 एकड़ किये जाने का निर्णय लिया गया।

चिल्ला रेगुलेटर एलीवेटेड रोड के निर्माण कार्य को शासन स्तर पर निर्णय लिये जाने हेतु संदर्भित करने का निर्णय लिया गया। बहुमंजिला भवनों में निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित कराये जाने हेतु स्ट्रक्चरल ऑडिट के संबंध में रूप रेखा तैयार करने हेतु नोएडा,ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण की उच्चाधिकारियों की एक समिति गठन किये जाने का निर्णय लिया गया।



\
Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

Next Story