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Noida Twin Tower Demolition: एक्सप्लोजन जोन में बड़ी टीम तैनात, बस कुछ घंटो में जमींदोज होंगी इमारतें
Noida Twin Tower Demolition: आज सुबह सात बजे आसपास रहने वाले करीब 5000 लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटा दिया गया।
Noida Twin Tower Demolition: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के गगनचुंबी ट्विन टावर को आज दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया जाएगा। इन दोनों इमारतों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को अंतिम रूप दिया जा चुका है। दोनों गगनचुंबी इमारतों सियान और एपेक्स को दोपहर साढ़े बारह बजे इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर के जरिए आपस में कनेक्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद दोपहर ढाई बजे एक ही बटन दबाकर दोनों टावरों को एक ही विस्फोट से उड़ा दिया जाएगा।
आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। आज सुबह सात बजे आसपास रहने वाले करीब 5000 लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटा दिया गया। एक्सप्लोजन जोन में बड़ी टीम की तैनाती की गई है और आज दोपहर करीब सवा दो बजे एक्सप्रेसवे को भी बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा पांच और रूट भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिए गए हैं।
सुबह से ही मिशन में जुट गईं टीमें
ट्विन टावर को ध्वस्त करने में लगी कंपनी के इंजीनियरों का कहना है कि विस्फोट से पहले फाइनल चेकअप किया जाएगा। ट्विन टावर को ध्वस्त करने में लगी कंपनी के इंजीनियरों की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य मयूर मेहता का कहना है कि ट्विन टावर को ध्वस्त करने में कुल 12 सेकंड लगेंगे। करीब पांच सेकेंड तक टावर में विस्फोट होंगे जिसके बाद बारूद के जलने से सात सेकंड में दोनों इमारतें मलबे में तब्दील हो जाएंगी।
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण का काउंटडाउन शुरू होने के साथ ही इंजीनियरों की टीमें सुबह से ही अपने मिशन में जुट गई हैं। ध्वस्तीकरण के दौरान वाइब्रेशन को नापने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद ली जाएगी। चेन्नई से लाई गए मॉनिटरिंग सिस्टम को अगल-बगल के टॉवरों में लगाया जा रहा है। ध्वस्तीकरण के दौरान पॉल्यूशन को भी मॉनिटर किया जाएगा।
प्रदूषण बोर्ड का कहना है कि इमारतों को ध्वस्त किए जाने के बाद धूल को जमीन की सतह पर बैठने में करीब आधा घंटे का समय लगेगा। इस कारण धूल को कंट्रोल करने में कई उपकरणों की मदद ली जा रही है। प्रदूषण पर कंट्रोल पाने के लिए 200 लोगों की टीम तैनात की गई है।
एक्सप्लोजन जोन में बड़ी टीम की तैनाती
एक्सप्लोजन जोन में किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए बड़ी टीम की तैनाती की गई है। एक्सप्लोजन जोन में 560 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 100 पुलिसकर्मियों की रिज़र्व फोर्स भी बनाई गई है। इसके अलावा 4 क्विक रिस्पांस टीमों और एनडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है। दोपहर एक बजे तक दोनों सोसाइटियों से प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड और अन्य कर्मचारियों को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
किसी भी प्रकार के खतरे से बचाव के लिए दोपहर करीब सवा दी बजे एक्सप्रेसवे को भी पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। सरकारी सूत्रों का कहना है कि विस्फोट के बाद धूल का गुबार छटने के बाद ही एक्सप्रेसवे को खोला जाएगा। इसके साथ ही अगल-बगल के पांच अन्य रूट भी बंद किए गए हैं ताकि आने जाने वाले लोगों को किसी प्रकार का कोई खतरा न हो सके।
इस तरह एक बटन दबाने से उड़ेगी इमारत
ब्लॉक के साइड के इर्द-गिर्द के 500 मीटर के इलाके को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। 100 मीटर की दूरी पर केवल 6 लोग रहेंगे। इनमें दक्षिण अफ्रीका के ब्रिंकमैन, मार्टिंस, केविन स्मिथ, साइट इंचार्ज मयूर मेहता, इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता और एक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। डिमोलिशन की टीम ने शनिवार को टावरों में लगाए गए विस्फोटकों और तारों के एक-एक पॉइंट को चेक किया है ताकि कहीं कोई चूक न रह जाए।
जांच का यह सिलसिला दोपहर तक चलेगा। दोपहर बारह बजे के बाद दोनों टावरों को तारों से जोड़ने के बाद मुख्य तार को करीब 100 मीटर दूर ले जाया जाएगा और तारों को यहां फाइनल ट्रिगर बटन से जोड़ा जाएगा। इस बटन के मैनुअली चार्ज होने के बाद मशीन का लाल बटन जल उठेगा जिससे संकेत मिलेगा कि सबकुछ तैयार है। इसके बाद हरे रंग के एक बटन को दबाते ही दोनों गगनचुंबी इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो जाएंगी।