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Supertech Twin Towers: 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ही गिराए जाएंगे दोनों टावर, जानें 2004 से अब की पूरी जानकारी
Supertech Twin Towers: 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2021 तक टावर को ढहाने का निर्देश दिया गया था। अब 28 अगस्त को फाइनल ब्लास्ट होना तय ।
Supertech Twin Towers: सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ही गिराए जाएंगे। इसके लिए सभी विभागों से क्लियरेंस आ गई है। फाइनल बैठक के बाद जेट डिमोलिशन और एडिफिस को हरी झंडी दे दी गई है। स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही एक्स्टर-1 और 2 के पिलर, बीम और कॉलम को मिलाकर 57 प्वांइट पर काम पूरा कर लिया गया। टि्वन टावर में वायरिंग का काम पूरा हो चुका है। डिमोलिश से पहले इसे फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा। 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट होगा और इमारत जमीदोश हो जाएगी।
टावर में 915 फ्लैट 21 दुकानें दो बेसमेंट
दोनों टावरों के 20 फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट किया जाएगा इसमें एपेक्स टावर के बेसमेंट फर्स्ट फ्लोर, 2,6,10,14,18,22,26 और 32 है।
दोनों टावर में आठ फ्लोर ऐसे है जिसमें सेकंड्री ब्लास्ट किया जाएगा इसमें दोनों टावरों 4,8,12,16,20,24,28 और 30 है।
ऐसे बदलती गई टावर को ढहाने की तारीख
31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2021 तक टावर को ढहाने का निर्देश दिया
इसके बाद 22 मई 2022 नई तारीख तय की गई
20 फरवरी को एडिफिस और जेट डिमोलिशन ने साइट को अपने कब्जे में लिया
10 अप्रैल 2022 को ब्लास्ट ट्रायल किया गया
21 अगस्त को नई डेट दी गई विस्फोटक के लिए एनओसी और सीबीआरआई ने क्लियरेंस नहीं दी
अब 28 अगस्त को फाइनल ब्लास्ट
कैसे पड़ी इस भ्रष्टाचार इमारत की नींव
सुपरटेक ने जीएच-04 सेक्टर-93ए में जिस स्थान पर टावर-16 व 17 का निर्माण कराया वह ग्रीन बेल्ट है। प्राधिकरण चाहता तो इस भूमि का भू-प्रयोग बदलकर यहा नियमानुसार इमारत का निर्माण की अनुमति दे सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
तीन बार फ्लोर की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट को रिवाइज किया गया। दो बार में करीब 23 करोड़ पहली बार में 8 करोड़ व दूसरी बार में 15 करोड़ रुपए (ऑन रिकार्ड) देकर परचेबल एफएआर खरीदा गया। यहां प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट की ऊचाई को नो लिमिट रखा। इमारत की स्वीकृत ऊचाई 121 मीटर रखी गई।
सुपरटेक एमराल्ड को 23 नवंबर 2004 को सेक्टर-93ए में 48263 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया गया। 21 जून 2006 को प्राधिकरण ने 6556.51 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया। इस दौरान सुपरटेक को 1.5 एफएआर दिया गया। नियमता सिर्फ नए अलाटी को ही 2 से 2.75 एफएआर दिया जा सकता था।
19 नवंबर 2009 को सुपरटेक के कहने पर दूसरी बार प्लान को रिवाइज करते हुए उसने 1.5 एफएआर का 33 प्रतिशत खरीदा। यानी अब एफएआर 1.995 हो गया। यह एफएआर उसने 8 करोड़ रुपए में खरीदा।
26 नवंबर 2009 को प्राधिकरण ने एमराल्ड कोर्ट का दूसरा रिवाइज प्लान स्वीकृत कर दिया। ऐसा होने के साथ ही बिल्डर ने घर खरीददारों के समक्ष टी-16 टावर में ग्राउंड प्लस 11 और ग्राउंड प्लस 1 शापिंग कांप्लेक्स के स्थान पर दोनों टावरों में ग्राउंड प्लस 24 फ्लोर के साथ 73 मीटर ऊचाई का नया प्लान प्रस्तुत किया।
इसी तरह सुपरटेक ने तीसरी बार परचेज एफएआर के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया। प्राधिकरण ने तीसरा रिवाइज प्लान पास कर दिया। इसके तहत दोनों टावरों को ग्राउंड प्लस 24 से बढ़ाकर 40 फ्लोर का कर दिया गया। साथ की इसकी ऊचाई 121 मीटर तय की गई। 25 अक्टूबर 2011 को सुपरटेक ने 15 करोड़ देकर परचेबल एफएआर खरीदा। यानि एफएआर 1.995 से 2.75 कर दिया गया। एफएआर खरीदा गया और अधिकारियों की जेब भरती चली गर्इ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कैसे बदता सिनेरियो जानना जरुरी
31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने आदेश दिए
1 सितंबर को प्राधिकरण ने विभागीय स्तर पर जांच करते हुए 15 अधिकारियों की एक रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई
सितंबर में सीएम के आदेश के एसआईटी(स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया और जांच शुरू की गई।
4 अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ विजिलेंस में 24 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई
इस एफआईआर में सुपरटेक ग्रुप के 4 डायरेक्टर और दो आर्किटेक्ट नामजद हुए
अब तक तीन निलंबित
इनमें बिमला सिंह तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजन, रितुराज व्यास तत्कालीन सहायक नगर नियुक्त , नोएडा संप्रति वरिष्ठ प्रबंधक (नियोजन) व अनीता तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट को निलंबित किया गया।
क्यों किया गया निलंबित ( बिमला सिंह)
दो टावरों के मध्य दूरी के संबंध में भवन विनियमावली एवं निर्देश 2010 में दिए गए प्राविधानों का उल्लंघन करते हुए मानचित्र स्वीकृत प्रदान की गई।
सुपरटेक कंस्ट्रक्शन लि. द्बारा तृतीय पुनरीक्षित ले आउट मानचित्र प्रस्तुत करते समय पूर्व निर्मित टावर-1 के सामने ग्रीन एरिया में टावर-16 (ग्राउंड प्लस 40) व टावर-17 में (ग्राउंड प्लस 39) का प्रस्ताव फ्लैट ओनर की बिना सहमति का प्रमाण पत्र लिए मानचित्र प्रस्तुत किया गया।
बढ़े हुए बिल्टअप एरिया के लिए दूसरे रिवाइज प्लान की स्वीकृत के बाद एवं निर्माण से पहले इनवायरमेंटल असिसमेंट नोटिफिकेशन 2006 के प्राविधानों के अनुसार क्लीयरेंस नहीं लिया गया।
बिल्डर एवं आर्किटेक्ट के द्बारा भवन विनियमावली एवं निर्देश 2010 में दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध मानचित्र प्रस्तुत किया गया।
इन कारणों से अनीता को किया गया निलंबित
भवन नियमावली 2006 के अनुसार दोनों टावरों के बीच की दूरी 36.5 मीटर होनी चाहिए लेकिन टावर-1 व टावर-17 के बीच की दूरी 09 मीटर होने के बाद भी दूसरा रिवाइज प्लान स्वीकृत किया गया।
सुपरटेक को दिए पहले व दूसरे सीसी में टावर-1 के सामने ग्रीन एरिया प्रस्तावित था। ग्रीन एरिया में टावर-16 व टावर -17 को प्रस्तावित कर दिया गया।
दूसरे रिवाइज प्लान मानचित्र स्वीकृत से पहले ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया।
बिल्डर व आर्किटेक्ट के द्बारा उप्र आनरशिप ऑफ फ्लैटस एक्ट 1975 के तहत फ्लैट ओनर से अनापत्ति प्राप्त नहीं की गई।
स्ट्रक्चरल सेफ्टी का आंकलन नहीं किया गया। इसके बाद भी अधिभोग प्रमाण पत्र (सीसी) जारी किया गया। यही नहीं इंवायरमेंटल क्लीयरेंस प्राप्त किए बगैर तीसरा सीसी जारी कर दिया गया।
कैसे ढहाया जाएंगी इमारत
इसे इप्लॉजन तकनीक से ढहाया जाएगा
इन दोनों टावरों में 3500 किलो विस्फोटक लगाया गया
इसमें वायरिंग के जरिए नॉन इलेक्ट्रिकल चार्जिंग की जाएगी और ट्रिगर के जरिए स्पार्क किया जाएगा
9 सेकंड में दोनों ब्लास्ट और 15 सेकंड में इमारत नीचे गिर जाएगी
60 हजार टन मलबा निकलेगा और 30 हजार टन का साइनटिफिक निस्तारण किया जाएगा
इसकी सुरक्षा के लिए 500 पुलिस कर्मी और 300 सीसीटीपी कैमरे लगे है
90 दिनों में मलबा साफ कर इस पर पार्क बना दिया जाएगा