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Supertech Twin Towers: 9 सेकंड में धमाका, ट्रिगर दबाएंगे ये दो इंजीनियर और 15 सेकंड में इमारत जमींदोज

Supertech Twin Towers Demolition: एडिफिस कंपनी के 'इंडियन ब्लास्टर' चेतन दत्ता ने बातचीत में बताया, कि वह ट्विन टावर के ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाएंगे।

Sarita Jain
Published on: 25 Aug 2022 8:10 PM IST
Supertech Twin Towers Demolition
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Supertech Twin Towers Demolition (Photo - Social Media) 

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Supertech Twin Towers Demolition: एडिफिस कंपनी के 'इंडियन ब्लास्टर' चेतन दत्ता (Chetan Dutta) ने बातचीत में बताया, कि वह ट्विन टावर के ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाएंगे। उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिक्स मैन और छह लोग 100 मीटर के दायरे में उस दौरान मौजूद रहेंगे। उन्होंने इस प्रोसेस के बारे में बताते हुए बताया कि पहले बॉक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा। जिसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी उनमें करंट पहुंच जाएगा और ब्लास्ट होना शुरू हो जाएगा।

चेतन दत्ता ने बताया कि, 9 सेकंड में पूरा ब्लास्ट होगा। करीब 13 से 15 सेकंड में पूरी बिल्डिंग नीचे आ जायेगी। ब्लास्ट डी लेयर्स के मुताबिक होगा। लेकिन, देखने में लगेगा की ब्लास्ट एक साथ दोनों बिल्डिंग में हो रहा है।

20 दिनों से लगा रहे थे विस्फोटक

आपको बता दें कि, 'वे 20 दिनों से एक्सप्लोसिव लोड करने का काम भी कर रहे थे। डिमोलिशन में किसी तरह कोई दिक्कत नहीं होगी। चेतन दत्ता ने कहा, हंड्रेड वन परसेंट इस बिल्डिंग को गिराने में हम सक्सेस रहेंगे। उन्होंने ये भी बताया कि आसपास की किसी बिल्डिंग को कोई भी नुकसान होने की कोई गुंजाइश नहीं है।'


जो ब्रिंकमैन ने किया इमारत का ब्लास्ट डिजाइन

सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कंपनी जेट डिमोलिशन के निदेशक जो ब्रिंकमैन ने ही इस इमारत का ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया है। इस क्षेत्र में करीब 40 सालों का अनुभव है। ब्रिंकमैन दूसरे व्यक्ति होंगे जो ट्रिगर प्वाइंट पर मौजूद रहेंगे। ब्रिंकमैन को पूरा भरोसा है कि रविवार को दोपहर 2.30 बजे 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स को जमीन पर गिराए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि ये इमारतें हाई सिसमिक जोन में है। इसके लिए लंदन की कंपनी से पूरा सर्वे भी कराया गया है। हमें पूरा विश्वास है कि ट्विन टावर्स के गिरने से संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं होगा। प्रभाव यहां एक सामान्य भूकंप का एक तिहाई होगा। साथ ही इसका पूरा कंप्यूटर मॉडल भी तैयार किया गया है।


विस्फोटकों के शौक़ीन हैं ब्रिंकमैन

विस्फोटकों के शौक़ीन ब्रिंकमैन के पास माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री है। उन्हें पहला मौका 1991 में दक्षिण अफ्रीका में एक कोयला खदान पर एक पानी के टावर को गिराने के रूप में मिला। फ्री स्टेट में वेलकम में एक गोल्ड और यूरेनियम प्लांट में उनका पहला बड़ा प्रोजेक्ट 1993 में आया। अगले साल उन्होंने जेट डिमोलिशन कंपनी की स्थापना की। 1980 के दशक में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्रिंकमैन ने एक्सप्लोसिव और ब्लास्टिंग में मास्टर्स किया है। वह चैंबर ऑफ माइन्स में शामिल हो गए। अगले साढ़े छह वर्षों तक ब्लास्टिंग और विस्फोटकों में शोध किया।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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