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Supertech Twin Tower Demolition: ब्लास्ट के डर से कई लोगों ने छोड़ा घर, कुछ गए हॉलिडे पर तो कुछ ने कराया होटल बुक

Supertech Twin Tower Demolition: ट्विन टावर्स के इर्द-गिर्द रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि वो एक हफ्ते से 15 दिन तक बाहर रहने की तैयारी कर रहे हैं। कई छुट्टियां मनाने पहाड़ों का रुख कर चुके हैं।

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Written By aman
Published on: 27 Aug 2022 3:53 PM IST
supertech twin towers many people left home due to fear of blast some went on holiday and some booked hotels
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Supertech Twin Towers 

Supertech Twin Towers : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोएडा के सेक्टर- 93 ए स्थित देश के सबसे ऊंचे निर्माण सुपरटेक के ट्विन टावर्स ( Supertech Twin Tower) को अवैध करार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कल यानी रविवार (28 अगस्त) को इस विशालकाय बिल्डिंग हो गिरा दिया जाएगा। अब, ब्लास्ट के डर से ट्विन टावर्स के आसपास रह रहे लोगों में दहशत है। कई लोग घरों को तला लगाकर बाहर चले गए हैं। कुछ हॉलिडे पर निकल गए हैं तो कईयों ने होटलों में कमरा बुक करा लिया है।

आपको बता दें कि, ट्विन टावर्स के करीब एटीएस विलेज (ATS Village) और एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी (Emerald Court Society) के लोगों ने शुक्रवार से ही अपने-अपने फ्लैट खाली करने शुरू कर दिए। उम्मीद है कि आज यानी शनिवार शाम तक सभी फ्लैट खाली कर दिए जाएंगे। अधिकतर लोगों का कहना है कि वो अपने सगे-संबंधियों के यहां ठहरेंगे।

रिश्तेदारों के यहां या छुट्टियां मनाने निकल पड़े

वहीं, कई परिवार अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो अपने दूर के रिश्तेदारों या अपने बच्चों के यहां जा रहे हैं। फ्लैट कर जाने वाले बेंगलुरु और हैदराबाद का रुख भी कर चुके हैं। जबकि, कई ऐसे भी हैं जिन्होंने छुट्टियां मनाने के लिए पहाड़ों का रुख किया है। ट्विन टावर्स के आसपास रिहायशी इलाकों में रहने वाले अपने परिवार और बच्चों के साथ देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा या किसी अन्य शहरों में छुट्टियां मनाने निकल चुके हैं।


हफ्तेभर से 15 दिनों की तैयारी

ट्विन टावर्स ( Supertech Twin Tower) के इर्द-गिर्द रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि वो एक हफ्ते से 15 दिन तक बाहर रहने की तैयारी कर रहे हैं। एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी निवासी ये बता रहे हैं कि अब समय कम है, जल्दी-जल्दी उन्हें सभी व्यवस्थाएं करनी पड़ी है। इस सोसायटी में रहने वाले बताते हैं कि उन्होंने अपने घर की सभी तस्वीरें, दीवार घड़ी सहित अन्य टूटने वाले सामानों को बिस्तर पर रख दिया है। इस बीच कई लोगों ने अपने घरेलू कामगारों को घर की व्यवस्था करने के लिए कहा है। जबकि कईयों को अपने पालतू पशुओं की चिंता सत्ता रही है।

पालतू पशुओं के साथ होटल में नहीं मिल रही एंट्री

ट्विन टावर्स के करीब बसी सोसायटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस के कई लोगों को विभिन्न समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पालतू कुत्ते और फिश एक्वेरियम (Fish Aquarium) की समस्या RWA को भी बताई। कई लोगों का कहना है कि उन्हें पालतू कुत्ते के साथ होटल वाले रूम नहीं दे रहे। इस पर RWA के पदाधिकारियों ने बताया कि अगर इस तरह की समस्या आ रही है, तो वो होटल की बजाय आसपास ही कहीं ठहर सकते हैं। हालांकि, RWA ने बताया कि, सेक्टर-104 में 3 होटल हैं। जहां बात करने के बाद पालतू कुत्तों को लेकर लोग ठहर रहे हैं।


सोसाइटी के लोगों को सफाई सहित अन्य चिंता

इस बीच एटीएस सोसाइटी के रहने वालों ने शुक्रवार को बैठक बुलाई। जिसमें सफाई के संबंध में चिंता जाहिर की गई। लोगों का कहना है कि ट्विन टावर्स गिरने के बाद सोसाइटी में सीमेंट और पत्थर के कण हर जगह बिखरे होंगे। इससे सफाई कर्मचारियों को निपटना होगा। इसी के मद्देनजर मशीन से सफाई की मांग प्राधिकरण से की गई है। ये अलग बात है कि प्राधिकरण ने अब तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया। यहां रहने वाले करीब आधे लोगों का कहना है कि दो दिन बाद ही वापस रहने आ जाएंगे।

RWA ने संभाली सुरक्षा जिम्मेदारी

जब सोसायटी खाली हो रही है तो सुरक्षा का सवाल अहम हो जाता है। इसी क्रम में एमराल्ड कोर्ट के रहवासियों के लिए सेक्टर- 93 स्थित सिल्वर सिटी (Silver City), सेक्टर-93 ए स्थित पार्श्वनाथ प्रेस्टीज (Parsvnath Prestige) और सेक्टर- 137 स्थित सोसाइटी में ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा खाली हो रही सोसायटी की निगरानी और देखरेख के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सोसायटी के रहने वालों को बताया गया कि वो अपने गेट में ताला लगाकर RWA को जानकारी दें और तस्वीर भेजें। आरडब्ल्यूए ने अलग-अलग टावर की सुरक्षा की जिम्मेदारी टीम के कई लोगों दी है।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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