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Noida Twin Tower: मलबा हटाने के लिए दो शिफ्टों में होगा काम, रोजाना 250 मेट्रिक टन मलबे का होगा निस्तारण

Noida Twin Tower Debris: सुपरटेक और एडीफाइस के बीच जो अनुबंध हुआ है उसके तहत टि्वन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफाइस की होगी।

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Newstrack Network
Published on: 30 Aug 2022 3:02 PM IST (Updated on: 30 Aug 2022 3:22 PM IST)
Noida Twin Tower Debris
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Noida Twin Tower Debris (photo: social media ) 

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Noida Twin Tower Debris: टि्वन टावर के मलबे का निस्तारण सेक्टर-80 सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में जाएगा। ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है। नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 मेट्रिक टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है। अब ये प्लांट दो दिनों में टि्वन टावर के मलबे का निस्तारण करना शुरू कर देगा।

प्राधिकरण के ओएसडी डाक्टर अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि सुपरटेक और एडीफाइस के बीच जो अनुबंध हुआ है उसके तहत टि्वन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफाइस की होगी। इसके लिए जो शुल्क लगेगा वह एडिफाइस देगा। इसके अलावा सीएंडी वेस्ट प्लांट में जो भी मलबा निस्तारित होगा उसका प्रति मीटर क्यूब के हिसाब से खर्चे का वहन सुपरटेक करेगा। बता दे सीएंडी वेस्ट प्लांट में दो प्रोसेसिंग फीस है। पहली यदि मलबा प्लांट कंपनी खुद उठाती है तो प्रोसेसिंग शुल्क 500 रुपए प्रति मीटर क्यूब और यदि एडिफाइस मलबा पहुंचाती है तो सुपरटेक को सिर्फ 160 रुपए प्रतिमीटर क्यूब प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।

निस्तारण के लिए दो शिफ्टों में होगा काम

प्राधिकरण वरिष्ठ प्रबंधक आर के शर्मा ने बताया कि प्लांट की क्षमता तो 800 मेट्रिक टन की है। लेकिन नोएडा में मलबा निकलने के हिसाब से निस्तारित कराया जाता है। अब दो शिफ्टों में काम किया जाएगा। जिसके लिए मैन पावर को बढ़ाया जा सकता है। इस मलबे से टाइल्स, क्लिंकर , ईट और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे।

रोजाना 250 मेट्रिक टन मलबे का होगा निस्तारण

रोजाना टि्वन टावर की साइट से 250 मेट्रिक टन मलबा डंपर के जरिए साइट पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 20 डंपर लगाए गए है। प्रति डंपर क्षमता 10 से 12 मेट्रिक टन की है। एनजीटी के नियमों के पालन करते हुए इस मलबे को ग्रीम शीट और उस पर पानी डालकर ले जाया जाएगा। ताकि धूल नहीं उड़े।

दोपहर में निकाली जाएगी सरिया

मलबे को सरिया से अलग करने का काम दोपहर में किया जाएगा। एडिफाइस के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोपहर में सोसाइटी में लोग कम होते है। सरिया निकलाने में शोर होगा। इस लिए ऐसे समय को चुना गया है जिससे लोगों को परेशानी न हो। सरिया को अलग किया जाएगा और उसे अनुबंधति कंपनी को भेजा जाएगा। करीब 4 से 5 हजार मेट्रिक टन सरिया निकलेगा।

प्लांट में होगा 28 हजार मेट्रिक टन मलबे का निस्तारण

टि्वन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद जो मलबा निकला है उसका आकलन करीब 80 हजार मेट्रिक टन है। इसमें 52 हजार मेट्रिक टन मलबा बेसमेंट और आसपास को भरने में काम आएगा। 28 हजार मेट्रिक टन मलबे का निस्तारण होगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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